चैप्टर 29 : मेरी ज़ात ज़र्रा-ए-बेनिशान नॉवेल | Chapter 29 Meri Zaat Zarra-e-Benishan Urdu Novel In Hindi Translation

Chapter 29 Meri Zaat Zarra-e-Benishan Novel

Chapter 29 Meri Zaat Zarra-e-Benishan Novel

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“पापा! आपको जो कुछ मुझसे छुपाना था, आपने छिपा लिया। अब मुझे सिर्फ सच बतायें। सबा से आपका क्या रिश्ता था? आप दोनों के दरमियान क्या हुआ था? सारा किस वजह से चली गई?”

उस रात सारे मेहमानों को रुखसत करने के बाद वह दोनों घर आए थे और हैदर घर आते ही सारा के कमरे में चला गया था। सारा अपनी कुछ चीजें सबा के घर लेकर गई थी। उसका बाकी सामान यहीं पर था और उसकी चीजें देखते हुए हैदर को झटके पर झटके पहुँच रहे थे। उसके हाथ आफ़रीन के सबा के नाम लिखे हुए लेटर और कार्ड लग गए थे और उनकी वहाँ मौजूदगी ने उसे जितना हैरान किया था, उससे भी बढ़कर उस कन्फेशन ने हैरान किया था कि सबा आफ़रीन की डिवोर्सी रह चुकी थी। फिर उसके हाथ सारा की तालीमी अस्नाद (educational certificates) लगी थी और वह यह जानकर चकित हो गया था कि वह ग्रेजुएशन तक फ्रेंच को ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ रही है। फिर वह बाप के पास आया था और अब वह उनसे सवाल कर रहा था। उसने वह कार्ड्स और लैटर्स उनके सामने टेबल पर फेंक दिए थे। आफ़रीन उन्हें देखकर साकित रह गए थे। “यह तुम्हें कहाँ से मिले?”

“सारा के कमरे से। उसे यह कहाँ से मिले, यह आपको पता होगा और यह जानकर आपको मजीद सदमा होगा कि वह कॉलेज में फ्रेंच पढ़ती रही है। अब आप मुझसे कुछ ना छुपायें। मुझे बतायें, वह सब कुछ जो आपने नहीं बताया और जिसकी सजा मुझे मिली है।”

आफ़रीन ने अपना सिर झुका लिया।

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