May 2022

बड़े घर की बेटी : प्रेमचंद की कहानी | Bade Ghar Ki Beti Story By Premchand

बड़े घर की बेटी प्रेमचंद की कहानी (Bade Ghar Ki Beti Story By Premchand). Bade Ghar Ki Beti Premchand Ki Kahani संयुक्त परिवार में आने वाली सामंजस्य की समस्या को दर्शाया गया है. छोटी-छोटी बातें कैसे कलह का रूप धारण कर लेती है और परिवार को बंटवारे तक ले जाती है? यह इस कहानी में […]

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चैप्टर 26 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 26 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 26 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters अरावली की हरी-भरी झूमती हुई पहाड़ियों के दामन में जसवंतनगर यों शयन कर रहा है, जैसे बालक माता की गोद में। माता के स्तन से दूध की धारें, प्रेमोद्गार से विकल, उबलती, मीठे स्वरों में गाती निकलती हैं और बालक के नन्हे-से

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चैप्टर 25 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 25 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 25 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters साल-भर तक राजा महेंद्रकुमार और मिस्टर क्लार्क में निरंतर चोटें चलती रहीं। पत्र का पृष्ठ रणक्षेत्र था और शृंखलित सूरमों की जगह सूरमों से कहीं बलवान् दलीलें। मनों स्याही बह गई, कितनी ही कलमें काम आईं। दलीलें कट-कटकर रावण की सेना की

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चैप्टर 24 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 24 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 24 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सूरदास की जमीन वापस दिला देने के बाद सोफ़िया फिर मि. क्लार्क से तन गई। दिन गुजरते जाते थे और वह मि. क्लार्क से दूरतर होती जाती थी। उसे अब सच्चे अनुराग के लिए अपमान, लज्जा, तिरस्कार सहने की अपेक्षा कृत्रिाम प्रेम

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गिरगिट अंतोन चेखव की कहानी | A Chameleon Story By Anton Chekhov In Hindi

प्रस्तुत है – गिरगिट अंतोन चेखव की कहानी ( A Chameleon Story By Anton Chekhov In Hindi) Girgit Anton Chekhov Ki Kahani कानून व्यवस्था में भाई-भतीजावाद पर व्यंग्य कसती एक कहानी है. A Chameleon Story By Anton Chekhov In Hindi पुलिस का दारोगा ओचुमेलोव नया ओवरकोट पहने हाथ  में एक बण्डल थामे बाजार के चौक से

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चैप्टर 23 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 23 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 23 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters अब तक सूरदास शहर में हाकिमों के अत्याचार की दुहाई देता रहा, उसके मुहल्ले वाले जॉन सेवक के हितैषी होने पर भी उससे सहानुभूति करते रहे। निर्बलों के प्रति स्वभावत: करुणा उत्पन्न हो जाती है। लेकिन सूरदास की विजय होते ही यह

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चैप्टर 22 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 22 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 22 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सैयद ताहिर अली को पूरी आशा थी कि जब सिगरेट का कारखाना बनना शुरू हो जाएगा, तो मेरी कुछ-न-कुछ तरक्की हो जाएगी। मि. सेवक ने उन्हें इसका वचन दिया था। इस आशा के सिवा उन्हें अब तक ऋणों को चुकाने का कोई

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चैप्टर 21 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 21 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 21 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सूरदास के आर्तनाद ने महेंद्रकुमार की ख्याति और प्रतिष्ठा को जड़ से हिला दिया। वह आकाश से बातें करनेवाला कीर्ति-भवन क्षण-भर में धाराशायी हो गया। नगर के लोग उनकी सेवाओं को भूल-से गए। उनके उद्योग से नगर का कितना उपकार हुआ था,

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