वसीयत : भगवतीचरण वर्मा की कहानी | Vasiyat Story By Bhagwati Charan Verma

प्रस्तुत है : वसीयत भगवतीचरण वर्मा की कहानी (Vasiyat Story By Bhagwati Charan Verma). Vasiyat Bhagwati Charan Verma Ki Kahani Vasiyat Story By Bhagwati Charan Verma जिस समय मैंने कमरे में प्रवेश किया, आचार्य चूड़ामणि मिश्र आँखें बंद किए हुए लेटे थे और उनके मुख पर एक तरह की ऐंठन थी, जो मेरे लिए नितांत … Read more

चैप्टर 10 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 10 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | All Chapters रूठी रानी का सती होना रानियां सती होने की तैयारियां करने लगीं। झाला रानी को उसके बेटे चन्द्रसेन ने सती होने से रोक लिया और कहा कि दो-चार दिन में सब सरदार आ जाएंगे, उनसे मेरी मदद का वादा कराके तब सती होना। झाला … Read more

चैप्टर 9 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 9 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters राव जी का देहांत सवंत् १६०२ में शेरशाह इस दुनिया से सिधारा। उसने सल्तनत का बंदोबस्त बड़ी धूमधाम से किया था और उसकी न्यायप्रियता हिन्दोस्तान के इतिहास में हमेशा याद ही की जाएगी। राजा टोडरमल इसी बादशाह के दरबार में पहले … Read more

प्रायश्चित : भगवती चरण वर्मा की कहानी | Prayashchit Story By Bhagwati Charan Verma

प्रस्तुत है : प्रायश्चित भगवती चरण वर्मा की कहानी (Prayashchit Story By Bhagwati Charan Verma). Prayashchit Bhagwati Charan Verma Ki Kahani अंधविश्वास पर चोट करती कहानी –  Prayashchit Story By Bhagwati Charan Verma  अगर कबरी बिल्‍ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी, तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में … Read more

चैप्टर 8 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 8 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters राजपूतों की बहादुरी शेरशाह ने जब सुना कि हुमायूं साफ बचकर निकल गया तो उसे शक हुई कि राव जी की जरूर उससे सांठ-गांठ है। बिगड़ गया और फौरन मारवाड़ पर चढ़ दौडा़। राव जी अजमेर जाने को तो पहले से … Read more

चैप्टर 8 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 8 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सोफ़िया को इंदु के साथ रहते चार महीने गुजर गए। अपने घर और घरवालों की याद आते ही उसके हृदय में एक ज्वाला-सी प्रज्वलित हो जाती थी। प्रभु सेवक नित्यप्रति उससे एक बार मिलने आता; पर कभी उससे घर का कुशल-समाचार न … Read more

चैप्टर 7 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 7 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सौतिया डाह ईश्वरदास ने अजमेर के हाकिम और किलेदार से लड़ाई की तैयारियों का इन्तजाम करने के लिए कहा। इसी बीच जोधपुर से सरूपदेई और दूसरी रानियों ने उसके पास एक बड़ी रिश्वत भेजी और प्रार्थना की कि जिस तरह मुमकिन … Read more

चैप्टर 6 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 6 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters रानी फिर रूठ गई राव जी मारे खुशी के फूले नहीं समाते। प्रेमिका के इंतजार में घड़ियाँ गिन रहे हैं। राजमहल सजाया जा रहा है। नाचने-गानेवालियाँ जमा हो गईं। गाना हो रहा है। शराब का दौर चल रहा है। उमादे को … Read more

चैप्टर 5 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 5 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters मनाने की कोशिशें दूसरे साल राव मालदेव ने अपने राज्य में दौरा करना शुरू किया और घूमते हुए अजमेर जा पहुँचे। वहाँ कुछ दिनों तक किले में उनका कयाम रहा, जो किसी जमाने में बीसलदेव और पृथ्वीराज जैसे प्रतापी महाराजों के … Read more

चैप्टर 4 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 4 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters रानी की हठ रानी उमादे अपनी जिद पर कायम रही। राव जी से न बोलती है, न उन्हें अपने पास बैठने देती है। राव जी आते हैं, तो वह उनका बड़े अदब से स्वागत करती है मगर फिर अलग जा बैठती … Read more