चैप्टर 8 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 8 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters राजपूतों की बहादुरी शेरशाह ने जब सुना कि हुमायूं साफ बचकर निकल गया तो उसे शक हुई कि राव जी की जरूर उससे सांठ-गांठ है। बिगड़ गया और फौरन मारवाड़ पर चढ़ दौडा़। राव जी अजमेर जाने को तो पहले से … Read more

चैप्टर 8 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 8 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सोफ़िया को इंदु के साथ रहते चार महीने गुजर गए। अपने घर और घरवालों की याद आते ही उसके हृदय में एक ज्वाला-सी प्रज्वलित हो जाती थी। प्रभु सेवक नित्यप्रति उससे एक बार मिलने आता; पर कभी उससे घर का कुशल-समाचार न … Read more

चैप्टर 9 चट्टानों में आग ~ इब्ने सफ़ी का हिंदी जासूसी उपन्यास

Chapter 9 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi Prev | Next | All Chapters रात के खाने के समय सन्नाटा रहा। सबने बड़ी खामोशी से खाना खत्म किया और फिर कॉफ़ी पीने के लिए बरामदे में जा बैठे। “सूफी!” कर्नल डिक्सन बोला, “मैं कहता हूँ कि पुलिस को इसकी खबर ज़रूर मिलनी चाहिए।” … Read more

चैप्टर 8 चट्टानों में आग ~ इब्ने सफ़ी का हिंदी जासूसी उपन्यास

Chapter 8 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi Prev | Next | All Chapters पुलिस हेडक्वार्टर के एक बड़े कमरे में इंस्पेक्टर ख़ालिद मेज़ पर बैठा अपनी डाक खोल रहा था। वह तंदुरुस्त और नौजवान आदमी था। पहले फौज में था और जंग खत्म होने के बाद गुप्तचर विभाग में ले लिया गया … Read more

चैप्टर 7 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 7 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सौतिया डाह ईश्वरदास ने अजमेर के हाकिम और किलेदार से लड़ाई की तैयारियों का इन्तजाम करने के लिए कहा। इसी बीच जोधपुर से सरूपदेई और दूसरी रानियों ने उसके पास एक बड़ी रिश्वत भेजी और प्रार्थना की कि जिस तरह मुमकिन … Read more

चैप्टर 7 चट्टानों में आग ~ इब्ने सफ़ी का हिंदी जासूसी उपन्यास

Chapter 7 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi Prev | Next | All Chapters शाम हो गई, लेकिन कर्नल ज़रगाम वापस न आया। सोफ़िया के समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें डिक्सन बार-बार ज़रगाम के बारे में पूछता था। एक-आध बार उसने यह भी कहा कि शायद अब ज़रगी अपने … Read more

चैप्टर 6 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 6 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters रानी फिर रूठ गई राव जी मारे खुशी के फूले नहीं समाते। प्रेमिका के इंतजार में घड़ियाँ गिन रहे हैं। राजमहल सजाया जा रहा है। नाचने-गानेवालियाँ जमा हो गईं। गाना हो रहा है। शराब का दौर चल रहा है। उमादे को … Read more

चैप्टर 5 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 5 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters मनाने की कोशिशें दूसरे साल राव मालदेव ने अपने राज्य में दौरा करना शुरू किया और घूमते हुए अजमेर जा पहुँचे। वहाँ कुछ दिनों तक किले में उनका कयाम रहा, जो किसी जमाने में बीसलदेव और पृथ्वीराज जैसे प्रतापी महाराजों के … Read more

चैप्टर 4 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 4 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters रानी की हठ रानी उमादे अपनी जिद पर कायम रही। राव जी से न बोलती है, न उन्हें अपने पास बैठने देती है। राव जी आते हैं, तो वह उनका बड़े अदब से स्वागत करती है मगर फिर अलग जा बैठती … Read more

चैप्टर 3 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 3 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters रंग में भंग शादी हो जाने के बाद लड़की अपने महल में चली गई। बूढ़ी औरतें इधर-उधर खिसक गयीं। बहू की सहेलियां राव जी को उसके महल की तरफ ले चलीं। रास्ते में एक जगह गाना हो रहा था। कितनी ही … Read more