February 2022

चैप्टर 3 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 3 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters रंग में भंग शादी हो जाने के बाद लड़की अपने महल में चली गई। बूढ़ी औरतें इधर-उधर खिसक गयीं। बहू की सहेलियां राव जी को उसके महल की तरफ ले चलीं। रास्ते में एक जगह गाना हो रहा था। कितनी ही […]

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चैप्टर 2 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 2 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters शादी दिन ढल गया। बाजार में छिड़काव हो गया। लोग बारात देखने के लिए घरों से उमड़े चले आते हैं। ज्योतिषी ने दरबार में जाकर राव से कहा– ‘‘अब अगवानी करने का समय पास आ गया है। अब सवारी की तैयारी

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आहुति : सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी | Aahunti Subhadra Kumari Chauhan Ki Kahani

प्रस्तुत है – आहुति सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी (Aahuti Story By Subhdra Kumari Chauhan) Aahunti Subhadra Kumari Chauhan Ki Kahani Aahuti Story By Subhadra Kumari Chauhan (1) जनाने अस्पताल के पर्दा-वार्ड में दो स्त्रियों को एक ही दिन बच्चे हुए। कमरा नं० 5 में बाबू राधेश्याम जी की स्त्री मनोरमा को दूसरी बार पुत्र

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कुत्ते की कहानी : मुंशी प्रेमचंद | Kutte Ki Kahani Munshi Premchand

कुत्ते की कहानी मुंशी प्रेमचंद (Kutte Ki Kahani Munshi Premchand Story)  Kutte Ki Kahani Munshi Premchand (1) बालको! तुमने राजाओं और वीरों की कहानियाँ बहुत सुनी होंगी, लेकिन किसी कुत्ते की जीवन-कथा शायद ही सुनी हो। कुत्तों के जीवन में ऐसी बात ही कौन-सी होती है, जो सुनाई जा सके। न वह देवों से लड़ता

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चैप्टर 1 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 1 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Next | All Chapters शादी की तैयारी उमादे जैसलमेर के रावल लोनकरन की बेटी थी, जो सन् १५८६ में राजगद्दी पर सुशोभित था। बेटी के पैदा होने से पहले तो दिल जरा टूटा, मगर जब उसके सौंदर्य की खबर आयी, तो आँसू पुंछ गए। थोड़े ही दिनों

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चैप्टर 7 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 7 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters संध्‍या हो गई थी। किंतु फागुन लगने पर भी सर्दी के मारे हाथ-पाँव अकड़ते थे। ठंडी हवा के झोंके शरीर की हड्डियों में चुभे जाते थे। जाड़ा, इंद्र की मदद पाकर फिर अपनी बिखरी हुई शक्तियों का संचय कर रहा था और

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चैप्टर 6 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 6 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters धर्मभीरुता में जहाँ अनेक गुण हैं, वहाँ एक अवगुण भी है; वह सरल होती है। पाखंडियों का दाँव उस पर सहज ही में चल जाता है। धर्मभीरु प्राणी तार्किक नहीं होता। उसकी विवेचना-शक्ति शिथिल हो जाती है। ताहिर अली ने जब से

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स्वामी जी ~ पंडित ज्वालादत्त शर्मा की कहानी

प्रस्तुत है – “स्वामी जी पंडित ज्वाला दत्त शर्मा की कहानी” (Swami Ji Story By Pandit Jwaladutt Sharma). कॉलेज के विद्यार्थी नवीन चंद्र मित्रों के संग गंगा घाट पर गए. वहाँ उनकी स्वामी जी से भेंट हुई. वह स्वामी जी को एक साधु ही समझता रहा. क्या था  स्वामी जी का अतीत? जानने के लिए पढ़िए

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अनाथ बालिका ~ पंडित ज्वालादत्त शर्मा की कहानी

प्रस्तुत है – “अनाथ बालिका पंडित ज्वाला दत्त शर्मा की कहानी” (Anath Balika Story By Pandit Jwaladutt Sharma). डॉक्टर साहब पण्डित राजनाथ ने एक अनाथ बालिका का पालन पोषण किया. उस बालिका की माँ ने मृत्यु पूर्व डॉक्टर साहब को कुछ पत्र दिए. क्या लिखा था उन पत्रों में? क्या था उस अंत बालिका का

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चैप्टर 5 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 5 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters चतारी के राजा महेंद्रकुमार सिंह यौवनावस्था ही में अपनी कार्य-दक्षता और वंश प्रतिष्ठा के कारण म्युनिसिपैलिटी के प्रधान निर्वाचित हो गए थे। विचारशीलता उनके चरित्र का दिव्य गुण थी। रईसों की विलास-लोलुपता और सम्मान-प्रेम का उनके स्वभाव में लेश भी न था।

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