अमृत मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Amrit Munshi Premchand Ki Kahani

अमृत मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Amrit Munshi Premchand Ki Kahani Hindi Short Story) Amrit Munshi Premchand Story  (1) मेरी उठती जवानी थी, जब मेरा दिल दर्द के मजे से परिचित हुआ। कुछ दिनों तक शायरी का अभ्यास करता रहा और धीर-धीरे इस शौक ने तल्लीनता का रुप ले लिया। सांसारिक संबंधो से मुंह मोड़कर अपनी … Read more

गृह नीति मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Grih Niti Munshi Premchand Story

गृह-नीति मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Grih Neeti Munshi Premchand Ki Kahani Short Story In Hindi) सास बहू की नोंक झोंक में पिस्ते पुरुष की कहानी : Grih Neeti Munshi Premchand जब माँ, बेटे से बहू की शिकायतों का दफ्तर खोल देती है और यह सिलसिला किसी तरह खत्म होते नजर नहीं आता, तो बेटा उकता … Read more

खून सफेद मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Khoon Safed Munshi Premchand

खून सफेद मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Khoon Safed Munshi Premchand Ki Kahani Hindi Short Story) Khoon Safed Munshi Premchand Short Story  चैत का महीना था, लेकिन वे खलियान, जहाँ अनाज की ढेरियाँ लगी रहती थीं, पशुओं के शरणास्थल बने हुए थे; जहाँ घरों से फाग और बसंत का अलाप सुनाई पड़ता, वहाँ आज भाग्य का … Read more

कुत्सा मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Kutsa Munshi Premchand Hindi Story

कुत्सा मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Kutsa Munshi Premchand Hindi Short Story Kahani) Kutsa Munshi Premchand Story अपने घर में आदमी बादशाह को भी गाली देता है। एक दिन मैं अपने दो-तीन मित्रों के साथ बैठा हुआ एक राष्ट्रीय संस्था के व्यक्तियों की आलोचना कर रहा था। हमारे विचार में राष्ट्रीय कार्यकर्ताओं को स्वार्थ और लोभ … Read more

विमाता मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Vimata Munshi Premchand Ki Kahani

विमाता मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Vimata Munshi Premchand Story) Vimata Munshi Premchand Story  स्त्री की मृत्यु के तीन ही मास बाद पुनर्विवाह करना मृतात्मा के साथ ऐसा अन्याय और उसकी आत्मा पर ऐसा आघात है, जो कदापि क्षम्य नहीं हो सकता। मैं यह कहूंगा कि उस स्वर्गवासिनी की मुझसे अंतिम प्रेरणा थी और न मेरा … Read more

देवी लघुकथा मुंशी प्रेमचंद | Devi Laghukatha Munshi Premchand

देवी लघुकथा मुंशी प्रेमचंद (Devi Laghukatha Munshi Premchand Devi Laghukatha Munshi Premchand रात भीग चुकी थी। मैं बरामदे में खडा था। सामने अमीनुददौला पार्क नींद में डूबा खड़ा था। सिर्फ एक औरत एक तकियादार बेंच पर बैठी हुंई थी। पार्क के बाहर सड़क के किनारे एक फ़कीर खड़ा राहगीरों को दुआएं दे रहा था – … Read more

सवा सेर गेहूं मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Sawa Ser Gehun Munshi Premchand

सवा सेर गेहूं मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Sawa Ser Gehun Munshi Premchand Story) Sawa Se Gehun Munshi Premchand  किसी गाँव में शंकर नाम का एक कुर्मी किसान रहता था। सीधा-सादा गरीब आदमी था, अपने काम-से-काम, न किसी के लेने में, न किसी के देने में। छक्का-पंजा न जानता था, छल-प्रपंच की उसे छूत भी न … Read more

बंद दरवाज़ा मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Band Darwaza Story Munshi Premchand

बंद दरवाज़ा मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Band Darwaza Story Munshi Premchand Band Darwaza Story Munshi Premchand सूरज क्षितिज की गोद से निकला, बच्चा पालने से—वही स्निग्धता, वही लाली, वही खुमार, वही रोशनी। मैं बरामदे में बैठा था। बच्चे ने दरवाजे से झांका। मैंने मुस्कराकर पुकारा। वह मेरी गोद में आकर बैठ गया। उसकी शरारतें … Read more

बाबा जी का भोग मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Babaji Ka Bhog Munshi Premchand Ki Kahani

बाबा जी का भोग कहानी मुंशी प्रेमचंद (Baba Ji Ka Bhog Story Munshi Premchand)  Baba Ji Ka Bhog Story Munshi Premchand रामधन अहीर के द्वार पर एक साधु आकर बोला – “बच्चा तेरा कल्याण हो, कुछ साधु पर श्रद्धा कर।” रामधन ने जाकर स्त्री से कहा – “साधु द्वार पर आये हैं, उन्हें कुछ दे … Read more

राष्ट्र का सेवक मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Rashtra Ka Sevak Story By Munshi Premchand

प्रस्तुत है : राष्ट्र का सेवक मुंशी प्रेमचंद की कहानी  (Rashtra Ka Sevak Story By Munshi Premchand)। मुंशी प्रेमचंद की ये कहानी कथनी और करनी के अंतर को दर्शाती है।  Rashtra Ka Sevak Story By Munshi Premchand राष्ट्र के सेवक ने कहा—देश की मुक्ति का एक ही उपाय है और वह है नीचों के साथ … Read more