चैप्टर 12 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 12 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi 

चैप्टर 12 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 12 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  Chapter 12 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  गोमती की उपनदी सरायन के तट पर प्रसिद्ध दुर्ग मणिपुर अवस्थित है। इसे अब मनवा कहते हैं। इसके राजा बलवन्तसिंह अपनी कार्यदक्षता के कारण पूर्वी प्रदेशों के लिए … Read more

चैप्टर 11 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 11 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi 

चैप्टर 11 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 11 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  Chapter 11 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi   सन्ध्या हो गई। एकान्त में आवश्यक बातें करने की यमुना की प्रार्थना स्वामीजी ने मंजूर कर ली। महाराज शिवस्वरूप, किसी आध्यात्मिक विषय पर परामर्श होगा, सोचकर गम्भीर … Read more

चैप्टर 10 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 10 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi 

चैप्टर 10 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 10 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  Chapter 10 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  कुछ रत्न वहीं गंगा के किनारे एक पेड़ के नीचे यमुना ने गाड़ दिए थे। लुट जाने पर फिर सम्पन्न होने के विचार से। कुछ साथ लेकर चली … Read more

बनमानुस खानसामा मुंशी प्रेमचंद की कहानी  | Banmanus Khansama Munshi Premchand Ki Kahani  

बनमानुस खानसामा मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Banmanus Khansama Munshi Premchand Ki Kahani) Banmanus Khansama Munshi Premchand Ki Kahani   कुछ दिन हुए इलाहाबाद में एक सरकस आाया था। उसमें और तो बहुत से जानवर थे, मगर एक बनमानुस बहुत होशियार था, उसे लोग डिक नाम से पुकारते ये। मालिक ने उसे ऐसा सिखाया था कि वह … Read more

पालतू भालू मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Paltu Bhalu Munshi Premchand Hindi Story 

पालतू भालू मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Paltu Bhalu Munshi Premchand Hindi Story) Paltu Bhalu Munshi Premchand Hindi Story  किसी शहर में एक बनिया रहता था। वह ज़मींदार का कारिन्दा था । असामियों से रुपया वसूल करना उसका काम था। एक दिन वह असामियों से रुपये वसूल करके घर चला। रास्ते में एक नदी पड़ती थी। … Read more

बाघ की खाल मुंशी प्रेमचंद की बाल कहानी | Bagh Ki Khal Munshi Premchand Ki Baal Kahani

बाघ की खाल मुंशी प्रेमचंद की बाल कहानी| Bagh Ki Khal Munshi Premchand Ki Baal Kahani Bagh Ki Khal Munshi Premchand Ki Baal Kahani राँची से लेकर चक्रधरपुर तक घना जंगल है। उसकी लम्बाई कोई ७५ मील होगी । इस जंगल में तरह-तरह के जानवर रहते हैं, उनमें बाघ सबसे खौफ़नाक होता है। कई साल … Read more

चैप्टर 9 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 9 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi 

चैप्टर 9 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 9 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  Chapter 9 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  जहाँ भारत के राजा पारस्परिक विरोध में पागल थे, वहीं कमजोरियों को समझने के लिए मुहम्मद गोरी तत्पर हो रहा था। सारे देश में उसने डेरे डाल रखे … Read more

चैप्टर 8 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 8 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi 

चैप्टर 8 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 8 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  Chapter 8 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  वह और ही युग था। एक ओर गाँव में गरीब किसान छप्परों के नीचे, दूसरी ओर दुर्ग में महाराज धन्य-धान्य और हीरे-मोतियों के भरे प्रासादों में, फिर भी … Read more

चैप्टर 7 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 7 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi 

चैप्टर 7 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 7 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  Chapter 7 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  प्रभावती दूर बहकर लगी। जब किनारे आई, तब दोनों नावें एक साथ बँध चुकी थी। राजकुमार उठाकर ले जाए गए थे। यमुना का कोई निशान न था। दासियाँ … Read more

चैप्टर 6 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 6 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi 

चैप्टर 6 प्रभावती सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का उपन्यास | Chapter 6 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  Chapter 6 Prabhavati Suryakant Tripathi Nirala Novel In Hindi  जरा देर में जरा समाँ बदल गया। चारों ओर हँसी-खुशी छा गई। राजकुमार चुपचाप देवी यमुना से दबे बैठे हैं-मन-ही-मन उस विजयिनी प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए। राजकुमार … Read more