चैप्टर 9 फ़रीदी और लियोनार्ड इब्ने सफ़ी का उपन्यास जासूसी दुनिया सीरीज़ | Chapter 9 Fareedi Aur Leonard Ibne Safi Novel

Chapter 9 Fareedi Aur Leonard Ibne Safi Novel

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दूसरे दिन सुबह फ़रीदी नवाब रशीदुज्ज़मा के भेष में महल से निकला और कार में बैठकर स्टेशन की तरफ रवाना हो गया।

शहर पहुँचकर उसने टैक्सी की और ग्रीन होटल पहुँचा। होटल मैनेजर शायद नवाब रशीदुज्जमा से अच्छी तरह वाकिफ था, इसलिए उसने खूब खैरमकदम किया और इस बार इस तरह अकेले आने पर ताज्जुब करते हुए इधर-उधर की बातें शुरू कर दी।

दिन भर फ़रीदी इधर-उधर मारा-मारा फिरता रहा। शाम होते ही वह फिर होटल वापस आ गया। इस दौरान उसने कई बार महसूस किया कि एक आदमी उसके पीछे लगा हुआ है और यह शख्स प्रिंस अदनान था। फ़रीदी दिल ही दिल में मुस्कुराता रहा। इस चीज से उसने यह अंदाज़ा भी लगा लिया कि लियोनार्ड के पास इस खास काम के लिए शायद यही एक आदमी है। उसने इस मामले में ज्यादा राज़दार नहीं बनाये। इस खयाल के आते ही उसे अपनी कामयाबी और ज्यादा पक्की मालूम होने लगी।

लगभग आठ बजे वह एक सूटकेस हाथ में लटकाये हुए होटल के बाहर आया और टैक्सी करके विक्टोरिया पार्क की तरफ रवाना हो गया।

पार्क में बिल्कुल सन्नाटा था। ठंड इतनी पड़ रही थी कि पार्क में उस वक्त रुकने की हिम्मत करना आसान काम ना था। फ़रीदी एक कुंज में घिरे हुए विक्टोरिया के बुत के पीछे जाकर बैठ गया और एक सिगरेट सुलगा कर लंबे-लंबे कश लेने लगा। लगभग नौ बजे उसे किसी के कदमों की आहट सुनाई दी और वह सीधा होकर बैठ गया। आने वाले ने अपने कोट के कॉलर से अपना चेहरा छिपा रखा था। लेकिन फरीदी ने उसके अंदाज से पता लगा लिया कि वह प्रिंस अदनान है। वह यूं ही लापरवाही से सिगरेट पीता रहा।

प्रिंस अदनान उसके करीब आकर खड़ा हो गया। वह धीरे-धीरे बड़बड़ा रहा था।

“लोगों ने इस पार्क को भी अय्याशी का अड्डा बना लिया है। भला कोई तुक है इतनी रात गए यहाँ!”

यह सब इस अंदाज़ में कहा, जैसे वह कोई पुलिस अफसर है।

“कहिए जनाब आप कौन हैं और इस वक्त यहाँ बैठे क्या कर रहे हैं।” उसने फ़रीदी से पूछा।

“आप कौन होते हैं पूछने वाले!” फ़रीदी ने कड़े तेवर में जवाब दिया।

“मैं अभी बताता हूँ कि मैं कौन हूँ?” अदनान ने कहा, “यह उसी वक्त तुम्हारी समझ में आ जाएगा, जब तुम्हारे हाथों में हथकड़ियाँ होंगी। अभी कल ही यहाँ पर एक नौजवान लड़की बेहोश पाई गई है। कमबख्तों ने अय्याशी का अड्डा बना लिया है इस पार्क को।”

“मम…. मैं…!” फ़रीदी हकलाने लगा, “मैं…मम…मुसाफिर हूँ।”

“मुसाफिर हो, तो किसी होटल वगैरह में जाओ। यहाँ बैठे क्यों झक मार रहे हो।” प्रिंस अदनान ने कहा।

“क्या बताऊं साहब, स्टेशन पर जेब कर गई।” फ़रीदी ने रो देने वाला अंदाज़ में कहा, “समझ में नहीं आता कि इस वक्त कहाँ जाऊं।”

प्रिंस अदनान हँसने लगा।

“बहुत अच्छे नवाब रशीदुज्ज़मा साहब।” वह हँसता हुए बोला, “आप अपनी लड़की से ज्यादा समझदार हैं। कहिए रकम लाए हैं।”

“मेरी बेटी कहाँ है?” फ़रीदी बोला।

“घबराइए नहीं…वह आप तक पहुँच जायेगी। तस्वीर नेगेटिव समेत में अपने साथ ही लेता आया हूं। लड़की आपको उस वक्त मिलेगी, जब हम लोग रुपया गिन लेंगे।”

“अगर मेरी लड़की को ज़र्रा बराबर भी नुकसान पहुँचा, तो याद रखना कि बीस करोड़ की जगह तुम लोगों से चालीस करोड़ वसूल कर लूंगा। अभी तुम लोग मुझे जानते नहीं।”

फ़रीदी ने कहा और सूटकेस उसकी तरफ बढ़ा दिया। प्रिंस अदनान ने सूटकेस हाथ में लेकर तौला और फिर जमीन पर रख दिया।

“इसमें हजार हजार के नोट है।” फ़रीदी ने कहा।

“खैर देखा जायेगा…ये लीजिए तस्वीरें।” प्रिंस अदनान ने फ़रीदी के हाथ में एक लिफाफा दे दिया। फ़रीदी में तस्वीर निकाल कर देखी। उसमें नेगेटिव मौजूद था। उसने लिफाफ़ा जेब में रख लिया।

“मैं किस तरह यकीन करूं कि तुमने सारी तस्वीरें दे दी है।” फ़रीदी ने कहा।

“आप यकीन कीजिए कि हम लोग मामले के पक्के हैं।” प्रिंस अदनान ने सूटकेस उठाते हुए कहा, “लेकिन हम लोग किस तरह यकीन करें कि सूटकेस में पूरी रकम है।”

“इसका तो तुम्हें यकीन होना चाहिए।” फ़रीदी ने कहा, “ऐसी सूरत में जबकि मेरी लड़की तुम लोगों को कैद में है, मैं तुम्हें किस तरह धोखा दे सकता हूँ।”

“हाँ, यह बात कायदे की है।” प्रिंस अदनान ने कहा, “अच्छा कल शाम तक आपकी लड़की आप तक पहुँच जायेगी।”

प्रिंस अदनान जाने के लिए मुड़ा, लेकिन दूसरे ही पल फ़रीदी ने उछलकर उसे दबोच लिया। प्रिंस अदनान ने उसकी पकड़ से निकल जाने की कोशिश की, लेकिन फरीदी ने दो-तीन बार उसका सिर संगमरमर के उस चबूतरे से टकरा दिया, जिस पर विक्टोरिया का बुत लगा हुआ था।

प्रिंस अदनान बेहोश हो गया।

दो घंटे के बाद फ़रीदी उसी शराब खाने में आया, जहाँ से वह दाराब नगर के लिए रवाना हुआ था। वह उस शराब खाने के मैनेजर की मदद से बेहोश प्रिंस अदनान को एक खंभे से बांध रहा था।

“इंस्पेक्टर साहब! आप भी बला के आदमी हैं।” शराब खाने का मैनेजर बोला।

“अगर मैं बला का आदमी न होता, तो शायद तुम्हारे हाथों मुझे कब्र में सोना पड़ता।” फ़रीदी ने मुस्कुराकर कहा।

“इसमें शक नहीं!” मैनेजर ने कहा, “अगर आप की बजाय कोई और होता, तो उसका यही अंजाम होता। मगर आपको तो उसका उस्ताद कह ही चुका हूँ।”

“अच्छा मेरे शागिर्द, लेकिन तुमने अब बहुत बेदर्दी से नाजायज़ शराब बेचनी शुरू कर दी है, ज़रा एहतियात से।”

“मेरा दावा है कि सिवा आपके और कोई ऐसा नहीं कह सकता।” मैनेजर ने सीने पर हाथ मारते हुए कहा।

“यही मतलब था।” फ़रीदी ने कहा और प्रिंस अदनान को होश में लाने की कोशिश करने लगा।

“आखिर मामला क्या है?” मैनेजर ने कहा।

“मामला बहुत उलझा हुआ है…सुलझ जाने के बाद बताऊंगा। लेकिन तुम इसकी अच्छी तरह हिफ़ाज़त करना। यह निकालकर जाने न पाये। वरना निकल गया, तो तुम जिम्मेदार होगे।”

“अरे भला ऐसी क्या बात है। यहाँ परिंदा भी पर नहीं मार सकता।” मैनेजर ने कहा।

प्रिंस अदनान होश में आ गया था। वह घबराई हुई नज़रों से चारों तरफ देखने लगा।

फ़रीदी उसकी तरफ मुस्कुरा कर देख रहा था।

“नवाब रशीदुज्जमा ने मुझे धोखा दिया।” प्रिंस अदनान अंग्रेजी में बड़बड़ाया।

“तुम बिल्कुल ठीक समझे।” फ़रीदी ने हिंदी में कहा।

“मैं तुम्हारी जबान नहीं समझता… क्या तुम अंग्रेजी में बात नहीं कर सकते।” प्रिंस अदनान ने कहा।

“मेरी जबान तो तुम ऐसी समझते हो जैसे कि समझना चाहिए।” फ़रीदी ने कहा, “अगर तुम कहो, तो तुम्हारी मादरी जुबान गुजराती में बात करूं।”

प्रिंस अदनान चौंक पड़ा।

“चौकों नहीं मिस्टर जमशेद! तुम दूसरों की आँख में धूल सकते हो, मेरी आँख में नहीं।”

“मैं कुछ नहीं समझ रहा कि तुम क्या कह रहे हो।” प्रिंस अदनान गुस्से में बोला, “तुम इराक के शहजादे की तौहीन कर रहे हो। तुम्हारी हुकूमत को उसके लिए जवाबदेह होना पड़ेगा।”

“ठीक कह रहे हो मिस्टर जमशेद।” फ़रीदी अंग्रेजी बोला, “हमारी हुकूमत काफी दिनों से तुम्हारे ताकत में है।”

“क्या बकवास है? कौन जमशेद…कैसा जमशेद…तुम्हें कुछ गलतफ़हमी हुई है।”

“जनाब! मुझे तो अक्सर गलतफ़हमी हुआ करती है। तुम समझे थे कि शायद मैं तुम्हारी तस्वीर वाली धमकी से डरकर तुम्हारा पीछा छोड़ दूंगा।”

“क्या बकवास लगा रखी है। मुझे फौरन खोल दो। वरना अच्छा नहीं होगा।” अदनान चीखकर बोला।

“अगर मैं तुम्हें यहाँ से रिहा भी कर दूं, तो शक के तहत तुम्हें हवालात में रहना पड़ेगा। तुम क्या समझते हो, मेरे पास तुम्हारे काले कारनामों का पूरा रिकॉर्ड मौजूद है और तुम्हारी उंगलियों के निशान भी, जो मैंने उस कागज से हासिल किए थे, जो तुम छपने के लिए न्यू स्टार के दफ्तर में दे आए थे।”

अदनान के चेहरे पर पसीना आ गया।

“सब बकवास है।” वह फिर चीखा।

“खैर, बकवास ही सही।” फ़रीदी ने मुस्कुराकर कहा, “यह बताओ लियोनार्ड कहाँ है?”

लियोनार्ड के नाम पर प्रिंस अदनान बुरी तरह चौंक पड़ा और हैरत से फ़रीदी को घूरने लगा।

“इस तरह घूरने से काम नहीं चलेगा। यह तो तुम्हें बताना ही पड़ेगा।” फ़रीदी ने कहा, “इस वक्त तुम हुकूमत की हिरासत में नहीं, बल्कि सीधे मेरे हिरासत में हो। मैं इस राज को उगलवाने के सिलसिले में तुम्हें कत्ल भी कर सकता हूँ।”

फ़रीदी के चेहरे पर अजीब किस्म की सूरत बन गई, जिसे देखकर शराबखाने का मैनेजर कांप गया।

“अंगीठी में कोयले दहकाओ।” फ़रीदी ने मैनेजर की तरफ देखकर कहा।

“जी अच्छा!” कहकर मैनेजर चला गया।

“मैं लोहा लाल करके तुम्हारे जिस्म पर इतनी बार रखूंगा कि काले होकर रह जाओगे।” फ़रीदी ने कहा।

“लेकिन आखिर क्यों? मेरी हुकूमत!”

“चुप रहो हुकुमत के बच्चे!” फ़रीदी गरजकर बोला, “जो मैं पूछता हूँ, उसका सही सही जवाब दो। वरना अभी सारी हकीकत मालूम हो जाएगी।”

“मैं नहीं जानता।” अदनान ने घुटी हुई आवाज में कहा।

इतनी देर में मैनेजर दहकती हुई अंगीठी लेकर आ गया।

“इसमें लाल होने के लिए लोहे की एक सलाख डाल दो।” फ़रीदी ने मैनेजर से कहा।

अदनान सिर से पैर तक कांप उठा।

फ़रीदी लाल होती हुई सलाखों को गौर से देख रहा था। सलाख के लाल हो जाने पर फरीदी से अंगीठी से निकालकर धीरे-धीरे अदनान की तरफ बढ़ने लगा।

“मैं मुजरिम हूँ…मगर तुम्हें इसका हक हासिल नहीं।” अदनान डरी हुई आवाज में चीखा।

“यहाँ इस तहखाने में मुझे हर तरह का हक हासिल है।” फ़रीदी ने बेदर्दी से कहा और जलती हुई सलाख उसके हाथ पर रख दी। अदनान बिलबिला उठा और शराब खाने का मैनेजर मुँह फेर का दूसरी तरफ हट गया।

“मैं तुम्हें इसी तरह जला-जला कर रखूंगा।”

“लेकिन तुम्हारी हरकत कानून के खिलाफ़ है।” अदनान अपनी मादरी जबान गुजराती में चीखा।

“शाबाश मेरे बेटे! आखिर तुम अदनान से जमशेद हो ही गए। अब जल्दी से यह भी बता दो कि लियोनॉर्ड कहाँ है।” फ़रीदी ने सलाख को दोबारा अंगूठी में डालते हुए कहा।

“मुझे नहीं मालूम!”

“फिर वही!”

“पवित्र आग की कसम। मैंने उसे आज तक नहीं देखा।”

“तुम झूठे हो।”

“अब मैं तुम्हें किसी तरह यकीन नहीं दिला सकता।” अदनान ने जले हुए निशान की तरफ देखते हुए कहा।

“अच्छा उसके हुक्म तुम तक कैसे पहुँचते हैं?”

“ट्रांसमीटर द्वारा!”

“ठीक… अच्छा यह बताओ कि जिस बिल्डिंग में तुम रहते हो, उसमें ट्रांसमीटर कहां लगा हुआ है?”

“मेरे सोने के कमरे में!”

“तुम्हारे नौकरों को तुम्हारी हरकतों की खबर है या नहीं?”

“सिर्फ एक को!”

“उसका नाम क्या है?” फ़रीदी ने पूछा।

“राजू…”

“तुम लोगों का उस मकान पर कब से कब्जा है?”

“लगभग दस साल से!”

“लियोनार्ड के प्रोग्राम को तुम्हारे अलावा कोई और भी जानता है?”

“नहीं!”

“गज़ाला कहाँ कैद है?”

“मुझे नहीं मालूम!”

“तुम झूठ बकते हो।”

“मुझे नहीं मालूम कि लियोनार्ड ने उसे किस तरह गायब किया और कहाँ छुपा रखा है।”

उसके बाद ख़ामोशी छा गई। फ़रीदी ने महसूस किया कि अदनान बार-बार अपना हाथ सीने की तरफ ले जाने की कोशिश कर रहा है।

फ़रीदी ने झपटकर उसके चेस्टर के गरेबान में हाथ डाल दिया। उसके सीने पर कुछ चपटी चीज बंधी मालूम हुई। फ़रीदी ने उसे खींचकर बाहर निकाल लिया। वह एक छोटा-सा ट्रांसमीटर था।

“हो गया कहिए कि आप अपनी गिरफ्तारी की खबर लियोनार्ड को देने जा रहे थे।”

फ़रीदी ने ट्रांसमीटर को गौर से देखते हुए कहा, “यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसा जर्मनी के जासूस जंग के वक्त इस्तेमाल किया करते थे।”

अदनान के चेहरे से ऐसा मालूम हो रहा था, जैसे अब उसे अपनी ज़िन्दगी की कोई उम्मीद न रह गई हो।

“अच्छा शागिर्द साहब!” फ़रीदी ने होटल के मैनेजर की तरफ देख कर कहा, “अब मैं चलता हूँ। इस पर कड़ी नज़र रखना।”

फ़रीदी और मैनेजर अदनान को तहखाने में छोड़कर ऊपर चले आये।

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