कुसुम कुमारी देवकीनन्दन खत्री का उपन्यास, Kusum Kumari Devaki Nandan Khatri Ka Upanyas, Kusum Kumari Devaki Nandan Khatri Novel In Hindi
Kusum Kumari Devaki Nandan Khatri Novel
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Kusum Kumari Summary
“कुसुम कुमारी” देवकी नंदन खत्री द्वारा लिखा गया एक रोचक और रहस्यमय उपन्यास है, जो प्रेम, संघर्ष और षड्यंत्र की कहानी बयां करता है। यह उपन्यास उनके अन्य प्रसिद्ध उपन्यासों, जैसे “चंद्रकांता” और “चंद्रकांता संतति” की तरह तिलिस्मी और ऐयारी से भरपूर नहीं है, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं और समाज में व्याप्त बुराइयों पर केंद्रित है।
कहानी की नायिका कुसुम कुमारी एक साहसी और सुंदर युवती है, जो न केवल अपनी बुद्धिमानी बल्कि अपने चरित्र की दृढ़ता के कारण भी पाठकों को प्रभावित करती है। उसकी प्रेम कहानी रोमांचक मोड़ों से गुजरती है, जिसमें कई संघर्ष और सामाजिक बाधाएँ आती हैं। उपन्यास में पारिवारिक षड्यंत्र, स्वार्थ और नैतिक मूल्यों का टकराव देखने को मिलता है।
देवकी नंदन खत्री ने इस कहानी में प्रेम, कर्तव्य और संघर्ष की गहराइयों को बड़ी कुशलता से उकेरा है। भाषा सरल और प्रवाहमयी है, जिससे यह पाठकों को अंत तक बाँधे रखता है। कहानी का मुख्य संदेश यह है कि सच्चे प्रेम और ईमानदारी की जीत होती है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यों न हों।
“कुसुम कुमारी” भारतीय साहित्य में प्रेम कहानियों की सशक्त कड़ी है, जो पाठकों को सामाजिक मूल्यों और नैतिकता पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है।
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