चैप्टर 10 सेवासदन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद

Chapter 10 Sevasadan Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters दूसरे दिन सुमन नहाने न गई। सबेरे ही से अपनी एक रेशमी साड़ी की मरम्मत करने लगी। दोपहर को सुभद्रा की एक महरी उसे लेने आई। सुमन ने मन में सोचा था, गाड़ी आवेगी। उसका जी छोटा हो गया। वही हुआ जिसका … Read more

चैप्टर 9 सेवासदन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद

Chapter 9 Sevasadan Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters दूसरे दिन से सुमन ने चिक के पास खड़ा होना छोड़ दिया। खोंचेवाले आते और पुकार कर चले जाते। छैले गजल गाते हुए निकल जाते। चिक की आड़ में अब उन्हें कोई न दिखाई देता था। भोली ने कई बार बुलाया, लेकिन … Read more

चैप्टर 8 सेवासदन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद

Chapter 8 Sevasadan Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters गजाधरप्रसाद की दशा उस मनुष्य की-सी थी, जो चोरों के बीच में अशर्फियों की थैली लिए बैठा हो। सुमन का वह मुख-कमल, जिस पर वह कभी भौंरे की भांति मंडराया करता था, अब उसकी आँखों में जलती हुई आग के समान था। … Read more

चैप्टर 7 सेवासदन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद

Chapter 7 Sevasadan Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सुमन को ससुराल आए डेढ़ साल के लगभग हो चुका था, पर उसे मैके जाने का सौभाग्य न हुआ था। वहां से चिट्ठियाँ आती थीं। सुमन उत्तर में अपनी मां को समझाया करती, मेरी चिंता मत करना, मैं बहुत आनंद से हूँ, … Read more

चैप्टर 3 कांच की चूड़ियाँ उपन्यास गुलशन नंदा

Chapter 3 Kanch Ki Chudiyan Novel By Gulshan Nanda Prev | Next | All Chapter लालटेन की बत्ती को ऊँचा करके गंगा बापू के विषय में सोचने लगी। आज भी काम से लौटने पर वह शरत और मंजू से न मिल पाएगा। दोनों उसके आने के पूर्व ही सो चुके थे। उसने बच्चों को चादर … Read more

रूपा सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी | Rupa Story By Subhadra Kumari Chauhan

प्रस्तुत है – रूपा सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी (Rupa Story By Subhadra Kumari Chauhan) Rupa Subhadra Kumari Chauhan Ki Kahani. एक माँ की मार्मिक कहानी : Rupa Story By Subhadra Kumari Chauhan असमय की घंटी ने सभी को बेचैन-सा कर दिया । अभी आधा घंटा भी नहीं हुआ, मैट्रन जेल बंद करके गई है। … Read more

चैप्टर 6 सेवासदन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद

Chapter 6 Sevasadan Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सुमन के घर के सामने भोली नाम की एक वेश्या का मकान था। भोली नित नए श्रृंगार करके अपने कोठे के छज्जे पर बैठती। पहर रात तक उसके कमरे से मधुर गान की ध्वनि आया करती। कभी-कभी वह फिटन पर हवा खाने … Read more

चैप्टर 5 सेवासदन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद

Chapter 5 Sevasadan Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters फागुन में सुमन का विवाह हो गया। गंगाजली दामाद को देखकर बहुत रोई। उसे ऐसा दुःख हुआ, मानो किसी ने सुमन को कुएं में डाल दिया। सुमन ससुराल आई तो यहां की अवस्था उससे भी बुरी पाई, जिसकी उसने कल्पना की थी। … Read more

चैप्टर 19 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 19 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सोफ़िया अपनी चिंताओं में ऐसी व्यस्त हो रही थी कि सूरदास को बिल्कुल भूल-सी गई थी। उसकी फरियाद सुनकर उसका हृदय काँप उठा। इस दीन प्राणी पर इतना घोर अत्याचार! उसकी दयालु प्रकृति यह अन्याय न सह सकी। सोचने लगी-सूरदास को इस … Read more

चैप्टर 2 कांच की चूड़ियाँ उपन्यास गुलशन नंदा

Chapter 2 Kanch Ki Chudiyan Novel By Gulshan Nanda Prev | Next | All Chapter दूसरे दिन बंसी काका हफ्तावारी बांटने के लिए तैयार बैठा था। उसके सामने मजदूरों की लंबी पंक्ति लगी थी। लक्ष्मी मिलने के विचार से ही उनका रक्त प्रवाह बढ़ गया था। उनके कुम्हलाये हुए चेहरे पर लालिमा सी उभर आई … Read more