चैप्टर 10 सेवासदन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद

Chapter 10 Sevasadan Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters दूसरे दिन सुमन नहाने न गई। सबेरे ही से अपनी एक रेशमी साड़ी की मरम्मत करने लगी। दोपहर को सुभद्रा की एक महरी उसे लेने आई। सुमन ने मन में सोचा था, गाड़ी आवेगी। उसका जी छोटा हो गया। वही हुआ जिसका … Read more