चैप्टर 10 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 10 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 10 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 10 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 10 Premashram Novel By Munshi Premchand  राय कमलानन्द बहादूर लखनऊ के एक बड़े रईस और तालुकेदार थे। वार्षिक आय एक लाख के लगभग थी। अमीनाबाद में उनका विशाल भवन था। शहर में उनकी और भी कई कोठियाँ … Read more

चैप्टर 9 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 9 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 9 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 9 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 9 Premashram Novel By Munshi Premchand  अपनी पारिवारिक सदिच्छा का ऐसा उत्तम प्रमाण देने के बाद ज्ञानशंकर को बँटवारे के विषय में अब कोई असुविधा न रही, लाला प्रभाशंकर ने उन्हीं की इच्छानुसार करने का निश्चय कर … Read more

चैप्टर 8 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 8 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 8 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 8 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 8 Premashram Novel By Munshi Premchand  जिस भाँति सूर्यास्त के पीछे विशेष प्रकार के जीवधारी; जो न पशु हैं न पक्षी, जीविका की खोज में निकल पड़ते हैं, अपनी लंबी श्रेणियों से आकाश मंडल को आच्छादित कर … Read more

चैप्टर 7 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 7 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 7 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 7 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 7 Premashram Novel By Munshi Premchand  जब तक इलाके का प्रबन्धन लाला प्रभाशंकर के हाथों में था, वह गौस खाँ को अत्याचार से रोकते रहते थे। अब ज्ञानशंकर मालिक और मुख्तार थे। उनकी स्वार्थप्रियता ने खाँ साहब … Read more