चैप्टर 15 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 15 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 15 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 15 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 15 Premashram Novel By Munshi Premchand  प्रातः काल था। ज्ञानशंकर स्टेशन पर गाड़ी का इन्तजार कर रहे थे। अभी गाड़ी के आने में आध घण्टे की देर थी। एक अँग्रेजी पत्र लेकर पढ़ना चाहा पर उसमें जी … Read more

चैप्टर 14 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 14 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 14 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 14 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 14 Premashram Novel By Munshi Premchand  राय साहब को नैनीताल आये हुए एक महीना हो गया। ‘‘एक सुरम्य झील के किनारे हरे-भरे वृक्षों के कुन्ज में उनका बँगला स्थित है, जिसका एक हजार रुपया मासिक किराया देना … Read more

चैप्टर 10 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 10 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 10 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 10 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 10 Premashram Novel By Munshi Premchand  राय कमलानन्द बहादूर लखनऊ के एक बड़े रईस और तालुकेदार थे। वार्षिक आय एक लाख के लगभग थी। अमीनाबाद में उनका विशाल भवन था। शहर में उनकी और भी कई कोठियाँ … Read more

चैप्टर 9 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 9 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 9 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 9 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 9 Premashram Novel By Munshi Premchand  अपनी पारिवारिक सदिच्छा का ऐसा उत्तम प्रमाण देने के बाद ज्ञानशंकर को बँटवारे के विषय में अब कोई असुविधा न रही, लाला प्रभाशंकर ने उन्हीं की इच्छानुसार करने का निश्चय कर … Read more

चैप्टर 8 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 8 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 8 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 8 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 8 Premashram Novel By Munshi Premchand  जिस भाँति सूर्यास्त के पीछे विशेष प्रकार के जीवधारी; जो न पशु हैं न पक्षी, जीविका की खोज में निकल पड़ते हैं, अपनी लंबी श्रेणियों से आकाश मंडल को आच्छादित कर … Read more

चैप्टर 7 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 7 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 7 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 7 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 7 Premashram Novel By Munshi Premchand  जब तक इलाके का प्रबन्धन लाला प्रभाशंकर के हाथों में था, वह गौस खाँ को अत्याचार से रोकते रहते थे। अब ज्ञानशंकर मालिक और मुख्तार थे। उनकी स्वार्थप्रियता ने खाँ साहब … Read more