चैप्टर 14 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 14 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 14 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 14 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 14 Kayakalp Novel By Munshi Premchand गद्दी के कई दिन पहले ही से मेहमानों का आना शुरू हो गया और तीन दिन बाकी ही थे कि सारा कैंप भर गया। दीवान साहब ने कैंप ही में बाजार लगवा दिया … Read more

चैप्टर 13 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 13 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 13 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 13 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 13 Kayakalp Novel By Munshi Premchand मुद्दत के बाद जगदीशपुर के भाग जागे। राजभवन आबाद हुआ। बरसात में मकानों की मरम्मत न हो सकती थी, इसलिए क्वार तक शहर ही में गुजारा करना पड़ा। कार्तिक लगते ही एक ओर … Read more

चैप्टर 12 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 12 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 12 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 12 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 12 Kayakalp Novel By Munshi Premchand दूसरी वर्षा भी आधी से ज्यादा बीत गई, लेकिन चक्रधर ने माता-पिता से अहिल्या का वृत्तांत गुप्त ही रखा। जब मुंशीजी पूछते-वहां क्या बात कर आए? आखिर यशोदानंदन को विवाह करना है या … Read more

चैप्टर 11 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 11 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 11 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 11 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 11 Kayakalp Novel By Munshi Premchand सभी लोग बड़े कुतूहल से आने वालों को देख रहे थे। कोई दस-बारह मिनट में वह विशालसिंह के घर के सामने आ पहुंचे। आगे-आगे दो घोड़ों पर मुंशी वज्रधर और ठाकुर हरिसेवकसिंह थे। … Read more

चैप्टर 10 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 10 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 10 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 10 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 10 Kayakalp Novel By Munshi Premchand मुंशी वज्रधर विशालसिंह के पास से लौटे, तो उनकी तारीफों के पुल बांध दिए। रईस हो तो ऐसा हो। आंखों में कितना शील है ! किसी तरह छोड़ते ही न थे। यों समझो … Read more

चैप्टर 9 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 9 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 9 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 9 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 9 Kayakalp Novel By Munshi Premchand   रानी देवप्रिया का सिर राजकुमार के पैरों पर था और आंखों से आंसू बह रहे थे। उनकी ओर ताकते हुए विचित्र भय हो रहा था। उसे कुछ-कुछ संदेह हो रहा था कि … Read more

चैप्टर 8 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 8 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 8 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 8 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 8 Kayakalp Novel By Munshi Premchand जगदीशपुर की रानी देवप्रिया का जीवन केवल दो शब्दों में समाप्त हो जाता था-विनोद और विलास। इस वृद्धावस्था में भी उनकी विलास वृत्ति अणुमात्र भी कम न हुई थी। हमारी कर्मेन्द्रियां भले ही … Read more

चैप्टर 7 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 7 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 7 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 7 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 7 Kayakalp Novel By Munshi Premchand चक्रधर की कीर्ति उनसे पहले ही बनारस पहुँच चुकी थी। उनके मित्र और अन्य लोग उनसे मिलने के लिए उत्सुक हो रहे थे। बार-बार आते थे और पूछकर लौट जाते थे। जब वह … Read more

चैप्टर 6 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 6 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 6 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 6 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 6 Premashram Novel By Munshi Premchand  लाला प्रभाशंकर का क्रोध ज्यों ही शान्त हुआ वह अपने कटु वाक्यों पर बहुत लज्जित हुए। बड़ी बहू की तीखी बातें ज्यों-ज्यों उन्हें याद आती थीं ग्लानि और बढ़ती जाती थी। … Read more

चैप्टर 5 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 5 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

चैप्टर 5 प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 5 Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online Chapter 5 Premashram Novel By Munshi Premchand  एक महीना बीत गया, गौस खाँ ने असामियों की सूची न तैयार की और न ज्ञानशंकर ने ही फिर ताकीद की । गौस खाँ के स्वहित और स्वामिहित में विरोध हो … Read more