चैप्टर 16 चट्टानों में आग ~ इब्ने सफ़ी का हिंदी जासूसी उपन्यास

Chapter 16 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi Prev | Next | All Chapters सोफ़िया आँखें फाड़-फाड़ के चारों तरफ देख रही थी, लेकिन उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह कहाँ है। कमरा अलीशान ढंग से सजा था और वह एक आरामदेह बिस्तर पर पड़ी हुई थी। उसने उठना चाहा, … Read more

चैप्टर 15 चट्टानों में आग ~ इब्ने सफ़ी का हिंदी जासूसी उपन्यास

Chapter 15 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi Prev | Next | All Chapters आसमान में सुबह ही से सफेद बादल तैरते फिर  फिर रहे थे और इस वक्त सूरज की एक किरण की यादों के किसी कोने से नहीं झांक रही थी। मौसम काफी सुहावना था। इंस्पेक्टर ख़ालिद की मोटरसाइकिल पलटन पड़ाव … Read more

चैप्टर 11 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 11 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters भैरों पासी अपनी माँ का सपूत बेटा था। यथासाधय उसे आराम से रखने की चेष्टा करता रहता था। इस भय से कि कहीं बहू सास को भूखा न रखे, वह उसकी थाली अपने सामने परसा लिया करता था और उसे अपने साथ … Read more

चैप्टर 10 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 10 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters बालकों पर प्रेम की भांति द्वेष का असर भी अधिक होता है। जबसे मिठुआ और घीसू को मालूम हुआ था कि ताहिर अली हमारा मैदान जबरदस्ती ले रहे हैं, तब से दोनों उन्हें अपना दुश्मन समझते थे। चतारी के राजा साहब और … Read more

रंगीले बाबू मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Rangeele Babu Munshi Premchand Ki Kahani

प्रस्तुत है – रंगीले बाबू मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Rangeele Babu Story By Munshi Premchand. Rangeele Babu Munshi Premchand Ki Kahani एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसके जीवन में दुःख और परेशानियों की कोई कमी नहीं, किन्तु वह उसे ईश्वर की कृपा समझकर उनका सामना करते हुए अपना जीवन आनंदपूर्वक जीता है. Rangeele Babu … Read more

चैप्टर 14 चट्टानों में आग ~ इब्ने सफ़ी का हिंदी जासूसी उपन्यास

Chapter 14 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi Prev | Next | All Chapters कोठी के करीब पहुँचकर इमरान अपने नथुने इस तरह सिकोड़ने लगा, जैसे कुछ सूंघने की कोशिश कर रहा हो। फिर वह अचानक चलते-चलते रुककर ख़ालिद की तरफ मुड़ा। “क्या आप ही किसी किस्म की बू महसूस कर रहे हैं।” … Read more

चैप्टर 9 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 9 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सोफ़िया इस समय उस अवस्था में थी, जब एक साधारण हँसी की बात, एक साधारण आँखों का इशारा, किसी का उसे देखकर मुस्करा देना, किसी महरी का उसकी आज्ञा का पालन करने में एक क्षण विलम्ब करना, ऐसी हजारों बातें, जो नित्य … Read more