चैप्टर 11 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 11 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters भैरों पासी अपनी माँ का सपूत बेटा था। यथासाधय उसे आराम से रखने की चेष्टा करता रहता था। इस भय से कि कहीं बहू सास को भूखा न रखे, वह उसकी थाली अपने सामने परसा लिया करता था और उसे अपने साथ … Read more