चैप्टर 6 आँख की किरकिरी उपन्यास (चोखेर बाली उपन्यास) रवींद्रनाथ टैगोर | Chapter 6 Aankh Ki Kirkiri (Chokher Bali) Novel By Rabindranath Tagore

Chapter 6 Aankh Ki Kirkiri Novel By Rabindranath Tagore Prev | Next | All Chapters एक दिन बारिश हो रही थी। बादल घिरे थे। ऐसे में बदन पर एक सुवासित महीन चादर और जुही की माला गले में डाले महेंद्र मगन-मन अपने सोने के कमरे में पहुँचा। अचानक आशा को चौंका देने के विचार से- … Read more

चैप्टर 5 आँख की किरकिरी उपन्यास (चोखेर बाली उपन्यास) रवींद्रनाथ टैगोर | Chapter 5 Aankh Ki Kirkiri (Chokher Bali) Novel By Rabindranath Tagore

Chapter 5 Aankh Ki Kirkiri Novel By Rabindranath Tagore Prev | Next | All Chapters कुछ दिन सूखा पड़ने से नाज के जो पौधे सूख कर पीले पड़ जाते हैं, बारिश आने पर वे तुरंत बढ़ जाते हैं। आशा के साथ भी ऐसा ही हुआ। जहाँ उसका रक्त संबंध था, वहाँ वह कभी भी आत्मीयता … Read more

चैप्टर 4 आँख की किरकिरी उपन्यास (चोखेर बाली उपन्यास) रवींद्रनाथ टैगोर | Chapter 4 Aankh Ki Kirkiri (Chokher Bali) Novel By Rabindranath Tagore

Chapter 4 Aankh Ki Kirkiri Novel By Rabindranath Tagore Prev | Next | All Chapters आखिर राजलक्ष्मी असीम उत्साह से बहू को गृहस्थी के काम-काज सिखाने में जुट गई। भंडार, रसोई और पूजा-घर में आशा के दिन कटने लगे, रात को अपने साथ सुलाकर वह उसके आत्मीय बिछोह की कमी को पूरा करने लगीं। काफी … Read more

होली का उपहार मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Holi Ka Uphaar Munshi Premchand Ki Kahani

होली का उपहार मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Holi Ka Uphaar Munshi Premchand Ki Kahani) Holi Ka Uphaar Story By Munshi Premchand  Holi Ka Uphaar Munshi Premchand (1) मैकूलाल अमरकांत के घर शतरंज खेलने आये, तो देखा, वह कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रहे हैं। पूछा – “कहीं बाहर की तैयारी कर रहे हो क्या … Read more

चैप्टर 11 कांच की चूड़ियाँ उपन्यास गुलशन नंदा | Chapter 11 Kanch Ki Chudiyan Novel By Gulshan Nanda

Chapter 11 Kanch Ki Chudiyan Novel By Gulshan Nanda Prev | Next | All Chapter सूरज की पहली किरण ने जब चंदन घाटी को छुआ, तो चिता के शोले बंसी के शरीर को राख बना रहे थे। गंगा चिता के पास मौन खड़ी उन अंगारों को देख रही थी, जिनकी गोद में उसका बापू ऐसी … Read more

चैप्टर 3 आँख की किरकिरी उपन्यास (चोखेर बाली उपन्यास) रवींद्रनाथ टैगोर | Chapter 3 Aankh Ki Kirkiri (Chokher Bali) Novel By Rabindranath Tagore

Chapter 3 Aankh Ki Kirkiri Novel By Rabindranath Tagore Prev | Next | All Chapters रात में महेंद्र ठीक से सो नहीं पाया। तड़के ही वह बिहारी के घर पहुँच गया। बोला – ‘यार, मैंने बड़ी ध्यान से सोचा और देखा कि चाची यही चाहती है कि शादी मैं ही करूं।’ बिहारी बोला – ‘इसके … Read more

चैप्टर 2 आँख की किरकिरी उपन्यास (चोखेर बाली उपन्यास) रवींद्रनाथ टैगोर | Chapter 2 Aankh Ki Kirkiri (Chokher Bali) Novel By Rabindranath Tagore

Chapter 2 Aankh Ki Kirkiri Novel By Rabindranath Tagore Prev | Next | All Chapters कन्या देखने की बात महेंद्र ने की जरूर, मगर वह भूल गया, फिर भी अन्नपूर्णा नहीं भूलीं। उन्होंने लड़की के अभिभावक, उसके बड़े चाचा को जल्दी में श्यामबाजार पत्र भेजा और एक दिन तय कर लिया। महेंद्र ने जब सुना … Read more

चैप्टर 1 आँख की किरकिरी उपन्यास (चोखेर बाली उपन्यास) रवींद्रनाथ टैगोर | Chapter 1 Aankh Ki Kirkiri (Chokher Bali) Novel By Rabindranath Tagore

Chapter 1 Aankh Ki Kirkiri Novel By Rabindranath Tagore  Next | All Chapters विनोद की माँ हरिमती महेंद्र की माँ राजलक्ष्मी के पास जा कर धरना देने लगी। दोनों एक ही गाँव की थीं, छुटपन में साथ खेली थीं। राजलक्ष्मी महेंद्र के पीछे पड़ गईं – ‘बेटा महेंद्र, इस गरीब की बिटिया का उद्धार करना … Read more

चैप्टर 33 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 33 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 33 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters फैक्टरी करीब-करीब तैयार हो गई थी। अब मशीनें गड़ने लगीं। पहले तो मजदूर-मिस्त्री आदि प्राय: मिल के बरामदों ही में रहते थे, वहीं पेड़ों के नीचे खाना पकाते और सोते; लेकिन जब उनकी संख्या बहुत बढ़ गई, तो मुहल्ले में मकान ले-लेकर … Read more

चैप्टर 32 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 32 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 32 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सूरदास के मुकदमे का फैसला सुनने के बाद इंद्रदत्ता चले, तो रास्ते में प्रभु सेवक से मुलाकात हो गई। बातें होने लगी। इंद्रदत्ता-तुम्हारा क्या विचार है, सूरदास निर्दोष है या नहीं? प्रभु सेवक-सर्वथा निर्दोष। मैं तो आज उसकी साधुता पर कायल हो … Read more