पागल हाथी ~ मुंशी प्रेमचंद की कहानी

पागल हाथी मुंशी प्रेमचंद की कहानी (Pagal Hathi Story In Hindi Munshi Premchand). Pagal Hathi Munshi Premchand Ki Baal Kahani राजा के ख़ास हाथी और एक साहसी बालक की कहानी है. राजा के महल से भाग चुके मस्तमौले हाथी को क्या छोटा सा बालक नियंत्रित कर पायेगा? जानने के लिए पढ़िए : Pagal Hathi Story … Read more

चैप्टर 17 मनोरमा : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 17 Manorama Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 17 Manorama Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 Prev | Next | All Chapters राजा साहब विशालपुर आते, तो इस तरह भागते मानो किसी शत्रु के घर आए हों। रोहिणी को एक राजा साहब … Read more

चैप्टर 2 ब्राह्मण की बेटी : शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 2 Brahman Ki Beti Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

Chapter 2 Brahman Ki Beti Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 Prev | Next | All Chapters धागे को दांत से काटकर संध्या बोली, “माँ, अभी बाबू जी तो आये नहीं।” “जानती हूँ, मुफ्त में लोगों का इलाज करने वाले तेरे बापू … Read more

चैप्टर 3 ब्राह्मण की बेटी : शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 3 Brahman Ki Beti Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

Chapter 3 Brahman Ki Beti Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 Prev | Next | All Chapters जगद्धात्री और संध्या के सामने रासमणि जिस गोलोक चटर्जी की प्रशंसा के गीत गाते थकती न थी और जिसे साक्षात धर्मावतार और न्यायमूर्ति बताने में … Read more

चैप्टर 1 ब्राह्मण की बेटी : शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 1 Brahman Ki Beti Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

Chapter 1 Brahman Ki Beti Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 Next | All Chapters मुहल्ले में घूमने-फिरने के बाद रासमणि अपनी नातिन के साथ घर लौट रही थी। गाँव की सड़क कम चौड़ी थी, उस सड़क के एक ओर बंधा पड़ा … Read more

चैप्टर 16 मनोरमा : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 16 Manorama Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 16 Manorama Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 Prev | Next | All Chapters आगरा के हिंदू और मुसलमानों में आये दिन जूतियाँ चलती रहती थी। ज़रा-ज़रा सी बात पर दोनों दलों के सिर फिर … Read more

चैप्टर 13 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 13 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 13 Godan Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 Prev | Next | All Chapters उधर पंडाल में धनुष-यज्ञ हो रहा था। कई बार इन लोगों को बुलाने के लिए आदमी आ चुके थे। कई हुक्काम भी पंडाल में आ … Read more

चैप्टर 12 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 12 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 12 Godan Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 Prev | Next | All Chapters भोजन शुरू हो गया तो मिस मालती ने पूछा – ‘संपादक जी कहाँ रह गये? किसी को भेजो राय साहब, उन्हें पकड़ लाये।‘ राय साहब … Read more

चैप्टर 11 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 11 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 11 Godan Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 Prev | Next | All Chapters दूसरी मोटर आ पहुँची और मिस्टर खन्ना उतरे, जो एक बैंक के मैनेजर और शक्करमिल के मैनेजिंग डाइरेक्टर हैं। दो देवियाँ भी उनके साथ थीं। राय … Read more

चैप्टर 10 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 10 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 10 Godan Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 Prev | Next | All Chapters जेठ की उदास और गर्म संध्या सेमरी की सड़कों और गलियों में पानी के छिड़काव से शीतल और प्रसन्न हो रही थी। मंडप के चारों तरफ़ फूलों … Read more