चैप्टर 6 रूठी रानी मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 6 Ruthi Rani Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters रानी फिर रूठ गई राव जी मारे खुशी के फूले नहीं समाते। प्रेमिका के इंतजार में घड़ियाँ गिन रहे हैं। राजमहल सजाया जा रहा है। नाचने-गानेवालियाँ जमा हो गईं। गाना हो रहा है। शराब का दौर चल रहा है। उमादे को … Read more