चैप्टर 21 चट्टानों में आग ~ इब्ने सफ़ी का हिंदी जासूसी उपन्यास

Chapter 21 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi

Chapter 21 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi

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तीन दिन बाद अख़बारों में इंस्पेक्टर ख़ालिद की तरफ से एक रिपोर्ट छपी, जिसमें कर्नल ज़रगाम तक कुछ रहस्यमय काग़ज़ात पहुँचने के हालात से लेकर मौजूदा गिरफ्तारी तक की घटनायें बताई गई थी। आखिर में उन कागजात के बारे में बहस करते हुए कहा गया था कि अगर कर्नल ज़रगाम चीनी और जापानी ज़बानें जानता होता और वे काग़ज़ात किसी ऐसे आदमी तक ले जाए गए होते, जिसके लिए ये दोनों ज़बानें अजनबी न होती, तो ली यूका की शख्सियत काफ़ी हद तक रोशनी में आ गई होती। इन काग़ज़ात में चीनी जासूस की रिपोर्ट भी शामिल थी, जो चीनी गुप्तचर विभाग के हेड क्वार्टर के लिए लिखी गई थी। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि मौजूदा ली यूका, जापानी नहीं, बल्कि चेकोस्लोवाकिया का नागरिक है। इंस्पेक्टर ख़ालिद के बयान के मुताबिक इस चीनी की शख्सियत संदेहास्पद थी, जिससे यह कागजात कर्नल ज़रगाम को मिले थे। उसके बारे में भरोसे से नहीं कहा जा सकता कि वह ख़ुद ही गुप्तचर था, जिसने यह रिपोर्ट लिखी थी या फिर वह ली यूका का की आदमी था, जिसने कागजात उस गुप्तचर से हासिल करके ली यूका तक पहुँचाने चाहे थे।

इंस्पेक्टर ख़ालिद की रिपोर्ट में किसी जगह भी इमरान का ज़िक्र नहीं था। लेकिन रिपोर्ट ख़ुद इमरान ही ने तैयार की थी।

ली यूका उर्फ बारतोश ने होश में आने के बाद न सिर्फ इकबाल-ए-ज़ुर्म कर लिया, बल्कि यह बात भी साफ कर दी कि अब उसके बाद इस सिलसिले का कोई दूसरा ली यूका नहीं होगा।

उसके सिर की चोट जानलेवा साबित हुई और वह अपने बारे में कुछ और बताने के पहले ही मर गया।

***समाप्त***

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