नव वर्ष चार्ल्स डिकेंस की कहानी, The New Year Charles Dickens Story In Hindi, Nov varsh Charles Dickens Ki Kahani
The New Year Charles Dickens Story In Hindi
क्रिसमस के बाद जो हर साल नया और खुशनुमा त्यौहार आता है, वह नव वर्ष है। पर कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो इस वक्त पर अश्रुपूर्ण रहते और व्रत करते हैं, जैसे कि वे नए साल के आगमन और स्वागत करने के बजाय बीते हुए साल के विदा होने का शोक मना रहे हों। हो सकता है कि वे पुराने साल के विदा होने के साथ-साथ नए साल के आगमन की खुशियाँ और हर्षोल्लास का पूरक हो। पर जो भी हो, अधिक तर लोग इस समय मौज-मस्ती मनाते हैं और पटाखों व फुलझड़ियाँ छुड़ाकर आनेवाले साल का आह्वान करते हैं।
पर पिछले साल कुछ ऐसी घटनाएँ अवश्य हुई होंगी, जिन्हें याद करके हमें दिल-ही-दिल खुशी होती होगी और हम मन-ही-मन मुस्कुराते होंगे और भगवान् को नमन करके धन्यवाद देते होंगे कि प्रभु ने हमारे ऊपर ऐसी कृपा की। हम नियम व कायदों से बँधे हुए हैं कि हम यह न्यायोचित समझें कि आनेवाला साल हमारे और हमारे समाज के लिए अच्छा समय व खुशहाली लाएगा, जब तक कि वह हमारे लिए अन्यथा या अयोग्य न साबित हो।
यह इस विषय में हमारा खयाल है, बीते हुए साल के प्रति बिना किसी अनादर के। मैं इस बार सन् 1886 में इसे अपने घर में आग के सामने बैठे इस लेख को लिख रहा हूँ। ऐसे जैसे कि कोई असाधारण घटना नहीं घटी है, न अगले साल घटने वाली है, जिससे हमारा मिजाज, जो अभी खुशी से भरपूर है, वह खराब होगा, बिगड़ जाए।
बग्घियाँ और घोड़ा-गाडियाँ अच्छी तरह से सजे-धजे लोगों को इधर से उधर निस्संदेह पार्टियों में ले जा रही थीं। सड़क के दूसरी ओर दरवाजे पर दो बार खट-खट हुई और उस घर के दरवाजे, जहाँ हरे रंग के परदे पड़े थे, खुले और कई लोग उसमें जल्दी से घुस गए। इससे लोगों को पता चल गया कि उस घर में कोई बड़ी पार्टी थी। हमने भी खिड़की में से परदा हटाकर देखा, घने कुहरे के बीच से अंदर देखने की कोशिश की। अँधेरा इतना ज्यादा हो गया था कि हमने मोमबत्तियाँ मँगवाई। हमने देखा कि वहाँ पर पेस्ट्री-कुक्स के आदमी अँधेरे में अपने सिरों पर हरे-हरे रंगों के डिब्बों को रखकर ले जा रहे थे। वहाँ पर तमाम फर्नीचर था और तरह-तरह के फर्नीचर और केन सीट के सोफा और फ्रेंच लैंपस उन तमाम घरों में पहँचाए जा रहे थे, जहाँ पर उस रात को नववर्ष के आगमन पर आयोजन होना था।
हम अपने आपको अच्छी तरह सूटेड-बूटेड होकर बालों में कंघी काढ़कर ऐसी ही एक पार्टी में शरीक होने की कल्पना कर सकते थे।
मिसाल के तौर पर, आप उस घर को लीजिए, जहाँ पर हरे रंग के परदे लटक रहे थे। हम जानते हैं कि यह एक ‘क्वाड्रिल’ पार्टी है, क्योंकि हमने उन्हीं आदमियों को सुबह घर के ड्राइंग-रूम में कालीन ले जाते हुए देखा और यदि इसका और अधिक सुबूत चाहिए तो हमने उन्हीं स्त्रियों को थोड़ी देर पहले एक-दूसरे के बाल बनाते हुए देखा, एक असाधारण रूप की शानो-शौकत में, जो इस तरह की पार्टियों में होती है।
हमारा अनुभव कहता है कि गृह-स्वामी किसी पब्लिक ऑफिस में काम करता है, यह हमें उसके कोट के कट और नेक-टाई बाँधने के स्टाइल से पता चलता है और उसकी चाल-ढाल की मुद्रा तथा हरे रंग के परदे भी इस बात को व्यक्त करते हैं कि वह सॉमरसेट हाउस में संभवतः काम कर रहा था। अब लीजिए, एक बग्घी आकर रुकती है और उसी ऑफिस का साफ-सुथरी ड्रेस पहने हुए एक युवा आदमी, जिसको जुकाम और कॉर्न हो सकता था, जो उसके ऑफिस का ही एक जूनियर क्लर्क हो सकता था, अपनी जेब में से जूते निकालकर पहनता हुआ बग्घी में से उतरता है। हॉल में घुसते ही एक दरबाननुमा आदमी उसके आगमन की घोषणा करता है और उसी ऑफिस का एक मेसेंजर बॉय नीला कोट पहने उसके नाम की घोषणा करता है।
सीढ़ी के पास जो आदमी है, वह आकर फि र जोर से ऊपर की ओर आवाज देता है, “मिस्टर टप्पल।” घर का स्वामी उससे पूछता है, “आप कैसे हैं, मिस्टर टप्पल?”
वह आग के सामने से उठकर आता है और लेडीज की ओर मुखातिब होकर कहता है, “माई डियर, यह मि. टप्पल हैं। मि. टप्पल, ये मेरी सबसे बड़ी लड़की जूलिया है। मि. टप्पल यह मेरी अन्य बेटियाँ हैं और यह मेरा बेटा है, सर।”
टप्पल अपने हाथों को अच्छी तरह रगड़ता है और मुस्कुराता है, जैसे यह कोई बहुत बड़ा मजाक रहा हो और झुक-झुककर, घूम-घूमकर सबसे हाथ मिलाता है, जब तक कि उसका परिचय सारे परिवार से नहीं हो जाता है। उसके बाद वह सोफे की एक कोने वाली सीट में धंस जाता है और लेडीज के साथ मौसम, थिएटर नाटक, गए साल और हाल ही में हुए एक मर्डर के बारे में बातचीत करने लग जाता है। साथ ही वह लेडीज की बाँहों और बैलून व अन्य विविध विषयों पर बातचीत करने लग जाता है।
दरवाजे पर और खटखटाहट होती है। क्या बढ़िया बातचीत हो रही होगी और सब लोग आराम से कॉफी पी रहे होंगे। अब हम टप्पल को अपने मन की आँखों से देखते हैं उसके महानतम क्षणों में। अभी-अभी व उस स्थूलकाय महिला का कार्य नौकरों के हाथों में थमा देता है। अब वह कूदकर दरवाजे की ओर बढ़ता है नए मेहमानों का स्वागत करने के लिए, पर जाते-जाते वह लेडीज के लिए एक सेवक से मफिंस की प्लेट ले लेता है। दरवाजे से वापस आते वक्त वह महिलाओं की ओर ऐसे निगाह डालता था, जैसे उन्हें वर्षों से या बचपन से जानता था।
मि. टप्पल बड़े ही मनमोहक व्यक्ति थे। वे महिलाओं के आदमी थे—बहुत ही आनंददायक साथी भी। पापा के मजाक कोई भी आदमी आधा भी नहीं समझ पाते थे; पर वे आधा मजाक ही सुन-सुनकर इतनी जोर से हँसने लगते थे और लोट-पोट हो जाते थे कि देखते ही बनता था। बड़े ही मनोरंजक पार्टनर थे। वे बहुत ही रोमांटिक तथा विनोदी स्वभाव के थे। सबसे, खासकर महिलाओं के साथ, घूम-घूमकर बातें कर रहे थे। क्या प्रेमी व्यक्ति थे!
वे युवाओं के बीच इतना प्रिय नहीं थे। वे लोग तो उनका मजाक ही उड़ाते थे; पर सब लोग जानते थे कि यह केवल ईर्ष्यावश होता था और उनके लोगों को उनके गुणों को नजरअंदाज करने का या कम आँकने का कोई हक नहीं था। और माँ तो यह कहती थी कि वे मि. टप्पल को भविष्य में होनेवाली हर पार्टी में बुलाएँगी, क्योंकि खाना परोसने के बीच और अलग-अलग कोर्सेज सर्व करने के बीच उनमें लोगों से बातचीत करने और उन्हें हँसाते रहने की क्षमता थी। और यदि कभी भोजन परोसने में देरी हो तो वे अन्य मेहमानों का ध्यान दूसरी ओर ले जा सकते थे।
सांध्य भोजन के समय तो वह और भी मजाकिया हो जाते थे और जब पापा सारे एकत्र मित्र-मेहमानों से कहते थे कि वे लोग अपने-अपने गिलासों को भर लें तो वे और भी मसखरापन करते थे और सारी महिलाओं से कहते थे कि वे भी अपने-अपने गिलासों को फिर से भर लें। उनके बार-बार मना करने पर भी कि वे ऐसा नहीं कर सकतीं, न वे तुरंत गिलास खाली कर सकती थीं तथा इस बात की अनुमति माँगी कि पापाजी ने जो भावनाएँ व्यक्त की हैं, उस पर वे दो शब्द कह सकें। फिर उन्होंने उसके बाद नववर्ष के आगमन पर और पुराने वर्ष के विदा होने पर एक बहुत ही जोरदार कवितामयी भाषण दिया, जिसकी संभवतः आप कल्पना कर सकते थे।
इसके बाद कि टोस्ट पी लिया गया था और जब महिलाएँ चली गई तो मि. टप्पल ने कहा कि सारे भद्र पुरुष जो वहाँ पर हैं, एक बार फिर से अपने गिलास भर लेंगे, जिसके बाद वे फिर एक टोस्ट प्रपोज करेंगे। जिस पर प्रत्येक जेंटलमैन चिल्लाया, “हियर! हियर!” और उसके बाद उन्होंने डिकैंटर (शराब परोसनेवाला जग) एक-दूसरे को बारी-बारी दिया। इसके बाद घर के मालिक ने उन्हें बताया कि वे सब पूरी तरह से चार्ज हो गए हैं और वे अपना ‘टोस्ट’ (भाषण) दे सकते थे।
इसके बाद मि. टप्पल अपनी जगह से उठे और उन जेंटलमैन्स को बताया कि किस प्रकार से यह ड्राइंगरूम इस शाम को तमाम तरह की शालीन तथा चमकती-दमकती सुंदरियों से भरा था और उन लोगों ने (सुंदरियों) कैसे उन लोगों का मन मोह लिया था। लोग फिर जोर से ‘हियर! हियर’ चिल्लाए। फिर मि. टप्पल ने उन्हें बताया कि किस प्रकार से वह उन सुंदर महिलाओं के वहाँ से विदा हो जाने से दु:खी और निराश थे; पर संभवतः वह उनकी मौजूदगी में यह टोस्ट नहीं प्रपोज कर पाते-“द लेडीज! द लेडीज!” का एक शोर उठा। लेडीज के बीच उनकी खूबसूरत और कई कलाओं में माहिर उनकी लड़कियाँ भी शामिल थीं। वह कह रहा था कि लोग उनके लिए भी एक बड़ा सा जाम पिएँ, “द लेडीज और उन्हें नया साल मुबारक हो, बोलें -Happy New Year to the Ladies.” (लोग बहुत जोरों से Happy New Year बोलते हैं और जोरों से तालियाँ बजाते हुए और ऊपर कमरे में लेडीज अपने ही लोगों के साथ स्पेनिश डांस कर रही थीं।)
अभी मुश्किल से इस स्पीच पर करतल-ध्वनि बंद ही हुई थी कि एक आदमी, जो गुलाबी रंग का वेस्टकोट पहने हुए था और बहुत देर से अपने टोस्ट स्पीच देने को बेचैन था, जिसके प्रयासों को मि. टप्पल ने पहले ‘टोस्ट’ भाषण देकर विफल कर दिया था। वह बहुत ही गंभीरता से उठता है, इस उम्मीद से कि उसे बोलने का मौका मिलेगा। पर टप्पल यह मौका भी उसे नहीं देता। वह कहता है कि अपने-अपने लायक मेजबान की मेहमाननवाजी से बहुत ज्यादा प्रभावित था। वह कह सकता था कि कितने वैभवशाली और भव्य ढंग से सबका स्वागत-सत्कार किया था। खूब जोरों से तालियाँ बजती हैं। यद्यपि इस जगह पर आने का और यहाँ आप सबके साथ बैठने का यह उसका पहला मौका था। वह अपने मित्र डॉबल को बहुत पहले से जानता था और उनके साथ वह काफी घनिष्ठ था। उनके साथ उसका बिजनेस का भी संबंध था। वह चाहता था कि लोग यह जानें कि वह उनके साथ कितने नजदीक था (मेजबान इस पर खाँसने लगता है)। वह (टप्पल) अपने दिल पर हाथ रखकर कह सकता था कि वह उनसे, यानी डॉबल से, बढिया दोस्त, पिता, पति, भाई या बेटा, अन्य कोई रिश्ता नहीं जानता था, न कभी था। (सब लोग ‘हियर, हियर’ चिल्लाते हैं)। आज आप लोगों ने उन्हें अपने परिवार के साथ दिली शांति से देखा है। अब आप लोगों को उन्हें सुबह अपने ऑफिस में उसी शांति से काम करते देखिएगा। शांति से अपने सुबह के कागजों को देखते हुए अपने हस्ताक्षर के साथ भी कोई समझौता न करते हुए, अजनबियों के साथ बहुत शालीनता से पेश आते हुए और उनके सवालों का विनम्रता से जवाब देते हुए, अपने सीनियर या बड़े अधिकारियों से बड़े सम्मानपूर्वक बोलते हुए, अपने संदेशवाहक या मेसेंजरों से भी बहुत राजसी ढंग से बातचीत करते हुए। (लोग फिर तालियाँ बजाते हैं)
जब वह श्री डॉबल का इस प्रकार से गुणगान कर रहा था तो फिर मिसेज डॉबल के बारे में वह क्या कसीदे काढ़ेंगे? आप समझ ही सकते हैं। अब आते ही मि. डॉबल जूनियर अपने मुँह में एक संतरा ठूसने का प्रयास कर रहे थे। वह अपना पोज सही करके दूसरों के लिए दर्शनीय बनने के इरादे से खड़े हो जाते हैं। वह शायद यही कहेंगे कि उनके मित्र मि. डॉबल किसी भी ऐसे व्यक्ति से कहीं ज्यादा सुपीरियर थे, जिसको वह जानते थे और उनकी पत्नी मिसेज डॉबल, उनका तो कहना ही क्या! वह भी सबसे विशिष्ट, केवल अपनी पुत्रियों को छोड़कर।
फिर वह कहेंगे, “डियर होस्ट, होस्टसेज, मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि आप ऐसे ही हँसी-खुशी और दरियादिली से अगले कई नए साल मनाएँ।”
सब लोग बहुत जोर-शोर से आखिरी टोस्ट (जाम) पीते हैं, फिर सारी पार्टी लेडीज के पास ड्राइंग रूम में पहुँच जाती है। वे नौजवान हैं, जो भोजन के पहले डांस करने से हिचकिचा रहे थे, उनको अब डांस पार्टनर्स मिल गए थे और वे संगीत की धुन पर थिरक रहे थे। बाजा बजानेवाले भी अब पी-पीकर मस्त हो रहे थे और मस्ती भरे नृत्यों की धुन बजा रहे थे। अब यह नृत्य-गायन का प्रोग्राम सारी रात चलता है, जब तक कि नए साल की प्रथम किरण नहीं दिखाई पड़ जाती-यानी नववर्ष की सुबह नहीं हो जाती।
हमारे पिछले वाक्य को लिखने से काफी पहले रात बारह के आस-पास चर्चों में घंटे बजने लगते हैं। पर उनकी ध्वनि कानों को भाती नहीं है। उस आवाज में कुछ-न-कुछ गड़बड़ है। फिर आगे के घंटे बहुत तेजी से भागते चले जाते हैं। परंतु हम लोगों की आयु सालों में नापते हैं और हमें यह याद दिलाता है कि हमारे बहुमूल्य जीवन का एक और साल गुजर गया और हम अपनी मृत्यु की ओर या कब्र की ओर एक और कदम आगे बढ़ गए हैं। यह हमारे लिए एक चेतावनी है।
**समाप्त**
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