समर-यात्रा ~ मुंशी प्रेमचंद की कहानी | Samar Yatra Munshi Premchand Ki kahani

Samar Yatra Munshi Premchand Ki kahani (1) आज सबेरे ही से गाँव में हलचल मची हुई थी। कच्ची झोपड़ियाँ हँसती हुई जान पड़ती थी। आज सत्याग्रहियों का जत्था गाँव में आयेगा। कोदई चौधरी के द्वार पर चँदोवा तना हुआ है। आटा, घी, तरकारी, दूध और दही जमा किया जा रहा है। सबके चेहरों पर उमंग … Read more