चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानियां, किताबें, रचनायें | Chandradhar sharma Guleri Stories In Hindi




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Chandradhar Sharma Guleri Stories In Hindi 

Chandradhar Sharma Guleri Stories 




Chandradhar Sharma Guleri Biography In Hindi  

चंद्रधर शर्मा गुलेरी (1883–1922) हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित लेखक, पत्रकार और विद्वान थे। उनका जन्म 7 जुलाई 1883 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था। गुलेरी ने प्रारंभिक शिक्षा जयपुर और अजमेर में प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए बनारस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय गए। वे संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और मराठी सहित कई भाषाओं के विद्वान थे।

गुलेरी हिंदी कथा साहित्य के आरंभिक दौर के महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाते हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कहानी “उसने कहा था” (1915) हिंदी की पहली मनोवैज्ञानिक कहानी मानी जाती है। यह कहानी प्रेम, त्याग और युद्ध के संदर्भ में मानवीय संवेदनाओं को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है। उनकी लेखन शैली सरल, सजीव और प्रभावशाली थी, जो पाठकों को गहराई से छूती है। 

वे न केवल कहानीकार थे, बल्कि निबंधकार और आलोचक के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में हिंदी भाषा के विकास और पौराणिक तथा ऐतिहासिक विषयों को नई दृष्टि से प्रस्तुत किया। वे इलाहाबाद के “सरस्वती” पत्रिका में संपादन से भी जुड़े रहे, जिससे हिंदी साहित्य को समृद्ध करने में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा।

गुलेरी का जीवन काल छोटा था, लेकिन उनका साहित्यिक योगदान अमर है। 12 सितंबर 1922 को उनका निधन हो गया। उनकी कहानियां और लेखन आज भी हिंदी साहित्य के पाठकों और शोधार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।




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सुखमय जीवन  हीरे का हार 

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