तिलिस्माती मुंदरी श्रीधर पाठक का उपन्यास | Tilismati Mundri Shridhar Pathak Ka Upanyas

तिलिस्माती मुंदरी श्रीधर पाठक का उपन्यास | Tilismati Mundri Shridhar Pathak Ka Upanyas

Tilismati Mundri Shridhar Pathak Ka Upanyas

Tilismati Mundri Shridhar Pathak Ka Upanyas

Summary 

श्रीधर पाठक द्वारा रचित तिलिस्माती मुंदरी एक रहस्यमयी और रोमांचक उपन्यास है, जिसमें जादू, तिलिस्म और सामाजिक मूल्यों का मिश्रण देखने को मिलता है। यह कहानी मुख्य रूप से एक जादुई अंगूठी (मुंदरी) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने धारक को अद्भुत शक्तियाँ प्रदान करती है।  

कहानी की शुरुआत एक गरीब युवक के जीवन से होती है, जो कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा होता है। संयोगवश उसे एक रहस्यमयी साधु से यह मुंदरी प्राप्त होती है, जो उसके भाग्य को बदलने की क्षमता रखती है। इस अंगूठी की शक्ति से वह न केवल अपनी गरीबी से उबरता है, बल्कि असाधारण क्षमताएँ भी प्राप्त करता है।  

लेकिन यह जादुई शक्ति उसके लिए वरदान से अधिक अभिशाप बन जाती है। कई शक्तिशाली और लालची लोग इस अंगूठी को पाने के लिए उसके पीछे पड़ जाते हैं। उसे विश्वासघात, षड्यंत्र और खतरों का सामना करना पड़ता है। अंततः, वह यह समझता है कि वास्तविक शक्ति बाहरी तिलिस्म में नहीं, बल्कि व्यक्ति की आंतरिक ईमानदारी और संघर्ष में होती है।  

इस उपन्यास के माध्यम से श्रीधर पाठक ने यह संदेश दिया है कि भौतिक सुख और तिलिस्म आकर्षक तो होते हैं, लेकिन उनका दुरुपयोग विनाशकारी हो सकता है। नैतिकता और सत्य की विजय ही जीवन का सार है।

Chapter List

Chapter 1  Chapter 2 
Chapter 3  Chapter 4
Chapter 5  Chapter 6
Chapter 7  Chapter 8
Chapter 9 [last]