ठेठ हिन्दी का ठाट अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध का उपन्यास | Theth Hindi Ka That Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh Ka Upanyas Read Online
Theth Hindi Ka That Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh Ka Upanyas
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Summary
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का उपन्यास “ठेठ हिन्दी का ठाट” एक मार्मिक प्रेम कहानी है, जिसमें मानवीय संबंधों और उनके संघर्षों को संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया गया है।
कहानी दो बचपन के दोस्तों, एक लड़के और लड़की, के बीच के गहरे प्रेम से शुरू होती है। दोनों एक-दूसरे से विवाह करने का सपना देखते हैं, लेकिन सामाजिक परिस्थितियाँ और परिवारिक निर्णय उनके इस प्रेम को अधूरा छोड़ देते हैं। लड़की की शादी किसी और से हो जाती है, और यह त्रासदी लड़के के जीवन को पूरी तरह बदल देती है। अपने टूटे हुए दिल और जीवन के उद्देश्य को लेकर वह सन्यासी बनने का कठिन मार्ग चुनता है।
कई वर्षों बाद, भाग्य उन्हें फिर से मिलाता है। अब लड़की एक असफल और बिगड़ी हुई शादी का सामना कर रही है। उसका पति चरित्र और व्यवहार के स्तर पर पतन का शिकार है। सन्यासी बने उसके पुराने मित्र का जीवन फिर से एक मोड़ लेता है, जब वह उसके जीवन को सुधारने और उसके पति को सही मार्ग पर लाने का बीड़ा उठाता है।
यह उपन्यास प्रेम, त्याग, और समाज के दबावों के बीच मानवीय मूल्यों की खोज को दर्शाता है। कहानी पाठकों को गहराई से छूती है और जीवन की जटिलताओं पर सोचने के लिए प्रेरित करती है।
Chapter List
| Chapter 1 | Chapter 2 |
| Chapter 3 | Chapter 4 |
| Chapter 5 | Chapter 6 |
| Chapter 7 | Chapter 8 |
| Chapter 9 | Chapter 10 |
| Chapter 11 | Chapter 12 |
| Chapter 13 |