चैप्टर 1 काली घटा : गुलशन नंदा का उपन्यास | Chapter 1 Kali Ghata Novel By Gulshan Nanda Online Reading

Chapter 1 Kali Ghata Novel By Gulshan Nanda Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8  | 9 | 10 | 11 Next | All Chapters ड्योढ़ी के फाटक पर जैसे ही घोड़ों के टापों की ध्वनि सुनाई दी, माधुरी ने खिड़की खोलकर नीचे झांका। उसके पति आज शीघ्र लौट आए थे। वह झट … Read more

चैप्टर 2 गुनाहों का देवता : धर्मवीर का उपन्यास | Chapter 2 Gunahon Ka Devta Novel By Dharmveer Bharti Read Online

Chapter 2 Gunahon Ka Devta Novel By Dharmveer Bharti Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 Prev | Next | All Chapters  वैसे तो यह घर, यह परिवार चन्द्र कपूर का अपना हो चुका था, जब से वह अपनी माँ से झगड़ कर प्रयाग भाग आया था पढ़ने के लिए, यहाँ आकर … Read more

चैप्टर 2 वापसी : गुलशन नंदा का उपन्यास | Chapter 2 Vaapsi Novel By Gulshan Nanda Online Reading

Chapter 2 Vaapsi Novel By Gulshan Nanda Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 Prev | Next | All Chapters रात का पहला पहर बीत चुका था. दिन के कोलाहल के बाद वातावरण पर रात की निस्तब्धता छाती … Read more

चैप्टर 1 वापसी : गुलशन नंदा का उपन्यास | Chapter 1 Vaapsi Novel By Gulshan Nanda Online Reading

Chapter 1 Vaapsi Novel By Gulshan Nanda Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 Next | All Chapters “नो इट्स इम्पॉसिबल, मेजर रशीद, तुम्हें ज़रूर कोई ग़लतफ़हमी हुई है.” “सर, मेरे आँखें एक बार धोखा खा सकती हैं, … Read more

चैप्टर 2 : मेरे हमदम मेरे दोस्त उर्दू नॉवेल हिंदी में | Chapter 2 : Mere Humdam Mere Dost Novel In Hindi

Chapter 2 Mere Humdam Mere Dost Novel  Chapter 1 | 2 | 3  Prev | Next | All Chapters वो कीमती एयर-कंडिशन्ड कार में बैठी ख़ुद को अपने घर से, अपने लोगों से, अपने शहर से दूर जाता देख रही थी. उसके तसव्वुर (कल्पना) में उसकी माँ की बिल्कुल ताज़ा कब्र आ रही थी. पता … Read more

चैप्टर 1 मेरे हमदम मेरे दोस्त उर्दू नॉवेल हिंदी में | Chapter 1 Mere Humdam Mere Dost Novel In Hindi

Chapter 1 Mere Humdam Mere Dost Novel  Chapter 1 | 2 | 3  Next | All Chapters गेट पर बेल हुई थी. वो सीढ़ियों से ऊपर अपने कमरे में खड़ी हुई थी. उसने बेल की आवाज़ बहुत आसानी से सुनी थी. अब वो अपने कांपते हुए वजूद को संभालती हुई एक आखिरी निगाह उस घर … Read more