चैप्टर 14 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 14 Nari Siyaramsharan Gupt Novel

चैप्टर 14 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 14 Nari Siyaramsharan Gupt Novel Chapter 14 Nari Siyaramsharan Gupt Novel रविवार की छुट्टी का दिन था यही वह दिन है, जब निरन्तर छः दिन तक लड़कों को अपने पीछे दौड़ाकर समय थोड़ी देर के लिए उनके पास बैठ जाता है। रद्दी के बहुत बड़े ढेर … Read more

चैप्टर 13 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 13 Nari Siyaramsharan Gupt Novel

चैप्टर 13 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 13 Nari Siyaramsharan Gupt Novel Chapter 13 Nari Siyaramsharan Gupt Novel जमना खेत पर जाने के लिए भीतर के घर की साँकल लगा रही थी, इतने में हल्ली आकर उससे लिपट गया। बोला- कहाँ जाती हो माँ? – परन्तु तुम और कहाँ जाओगी खेत पर ही … Read more

चैप्टर 12 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 12 Nari Siyaramsharan Gupt Novel

चैप्टर 12 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 12 Nari Siyaramsharan Gupt Novel Chapter 12 Nari Siyaramsharan Gupt Novel जमना सन्नाटे में आ गई कि मोतीलाल चौधरी चार सौ से अधिक रुपये उस पर निकाल रहे हैं। उसने कहा- इतने रुपये हो कैसे गये ? मैं तो हर साल बराबर चुकाती रही हूँ । … Read more

चैप्टर 9 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 9 Nari Siyaramsharan Gupt Novel

चैप्टर 9 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 9 Nari Siyaramsharan Gupt Novel Chapter 9 Nari Siyaramsharan Gupt Novel जगराम को अपने पति के साथ जमना पहले भी कभी देख चुकी थी । परन्तु उस दिन अजीत के साथ उसको अपने घर के भीतर से देखकर उसे यह नहीं जान पड़ा कि यह उसका … Read more

चैप्टर 7 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 7 Nari Siyaramsharan Gupt Novel

चैप्टर 7 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 7 Nari Siyaramsharan Gupt Novel Chapter 7 Nari Siyaramsharan Gupt Novel दो-तीन दिन बाद जमना अपनी पौर में दरवाजे की ओर पीठ किये कुछ काम कर रही थी। किसी की आहट से चौंककर उसने देखा – अजीत है। माथे पर धोती का किनारा कुछ आगे खींचती … Read more

चैप्टर 6 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 6Nari Siyaramsharan Gupt Novel

चैप्टर 6 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 6 Nari Siyaramsharan Gupt Novel Chapter 6 Nari Siyaramsharan Gupt Novel सबेरे मदरसे जाने के समय हल्ली ने कहा- आज पढ़ने न जाऊँगा। कारण पूछे जाने पर उसने कहा- पंडितजी मारेंगे। “पंडितजी मारेंगे, क्यों, जब अपना पाठ अच्छी तरह सीखेगा।” “कल मुझसे रुपये खो गये, कहेंगे, … Read more

चैप्टर 1 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Chapter 1 Nari Siyaramsharan Gupt Novel

चैप्टर 1 नारी सियारामशरण गुप्त का उपन्यास (Chapter 1 Nari Siyaramsharan Gupt Novel) Chapter 1 Nari Siyaramsharan Gupt Novel डाकिये ने एक कच्चे घर के सामने रुककर पुकारा-जमना बाई हैं ? उत्तर न पाकर भी किसी के भीतर होने का बोध उसे हुआ। नाक पर चश्मा ठीक से सँभालकर उसके डाक उलट पुलट तक देखी। … Read more