चैप्टर 57 उपसंहार कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 57 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 57 उपसंहार कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 57 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 57 Kayakalp Novel By Munshi Premchand कई साल बीत गए हैं। मुंशी वज्रधर नहीं रहे। घोड़े की सवारी का उन्हें बड़ा शौक था। नर घोड़े ही पर सवार होते थे। बग्घी, मोटर, पालकी इन सभी को वह जनानी … Read more

चैप्टर 56 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 56 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 56 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 56 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 56 Kayakalp Novel By Munshi Premchand शंखधर के चले आने के बाद चक्रधर को संसार शून्य जान पड़ने लगा। सेवा का वह पहला उत्साह लुप्त हो गया। उसी सुंदर युवक की सूरत आंखों में नाचती रहती। उसी की बातें … Read more

चैप्टर 55 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 55 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 55 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 55 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 55 Kayakalp Novel By Munshi Premchand शंखधर राजकुमार होकर भी तपस्वी है। विलास की किसी भी वस्तु से उसे प्रेम नहीं। दूसरों से वह बहुत प्रसन्न होकर बातें करता है। अहिल्या और मनोरमा के पास वह घंटों बैठा गप-शप … Read more

चैप्टर 54 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 54 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 54 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 54 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 54 Kayakalp Novel By Munshi Premchand राजा साहब को अब किसी तरह शांति न मिलती थी। कोई न कोई भयंकर विपत्ति आने वाली है, इस शंका को वह दिल से न निकाल सकते थे। दो-चार प्राणियों को जोर-जोर से … Read more

चैप्टर 53 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 53 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 53 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 53 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 53 Kayakalp Novel By Munshi Premchand कई दिन गजर गए। राजा साहब हरिभजन और देवोपासना में व्यस्त थे। इधर पांच-छ: वर्षों से उन्होंने किसी मंदिर की तरफ झांका भी न था। धर्म-चर्चा का बहिष्कार-सा कर रखा था। रियासत में … Read more

चैप्टर 52 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 52 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 52 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 52 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 52 Kayakalp Novel By Munshi Premchand मुंशी वज्रधर ने यह शुभ समाचार सुना, तो फौरन घोड़े पर सवार हुए और राजभवन आ पहुंचे। शंखधर उनके आने का समाचार पाकर नंगे पांव दौड़े और उनके चरणों को स्पर्श किया। मुंशीजी … Read more

चैप्टर 51 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 51 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 51 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 51 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 51 Kayakalp Novel By Munshi Premchand कमला को जगदीशपुर में आकर ऐसा मालूम हुआ कि वह एक युग के बाद अपने घर आई है। वहां की सभी चीजें, सभी प्राणी उसके जाने-पहचाने थे; पर अब उनमें कितना अंतर हो … Read more

चैप्टर 50 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 50 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 50 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 50 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 50 Kayakalp Novel By Munshi Premchand राजा विशालसिंह की हिंसा-वृत्ति किसी प्रकार शांत न होती थी। ज्यों-ज्यों अपनी दशा पर उन्हें दुःख होता था, उनके अत्याचार और भी बढ़ते थे। उनके हृदय में अब सहानुभूति, प्रेम और धैर्य के … Read more

चैप्टर 49 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 49 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 49 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 49 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 49 Kayakalp Novel By Munshi Premchand गाड़ी अंधकार को चीरती हुई चली जाती थी। सहसा शंखधर हर्षपुर’ का नाम सुनकर चौंक पड़ा। वह भूल गया, मैं कहाँ जा रहा हूँ, किस काम से जा रहा हूँ और मेरे रुक … Read more

चैप्टर 48 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 48 Kayakalp Novel By Munshi Premchand

चैप्टर 48 कायाकल्प मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 48 Kayakalp Novel By Munshi Premchand Chapter 48 Kayakalp Novel By Munshi Premchand अहिल्या के आने की खबर पाकर मुहल्ले की सैकड़ों औरतें टूट पड़ी। शहर के बड़े-बड़े घरों की स्त्रियां भी आ पहुंची। शाम तक तांता लगा रहा। कुछ लोग डेपुटेशन बनाकर संस्थाओं के लिए … Read more