एक आदिम रात्रि की महक ~ फणीश्वर नाथ रेणु

Ek Aadim Ratri Ki Mahak Story By Fanishwar Nath Renu न…करमा को नींद नहीं आयेगी। नये पक्के मकान में उसे कभी नींद नहीं आती। चूना और वार्निश की गंध के मारे उसकी कनपटी के पास हमेशा चौअन्नी-भर दर्द चिनचिनाता रहता है। पुरानी लाइन के पुराने ‘इस्टिसन’ सब हजार पुराने हों, वहाँ नींद तो आती है।…ले, … Read more