चैप्टर 5 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 5 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 5 Godan Novel By Munshi Premchand   Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 Prev | Next | All Chapters होरी को रात भर नींद नहीं आयी। नीम के पेड़-तले अपनी बांस की खाट पर पड़ा बार-बार तारों की ओर देखता था। गाय के लिए एक नांद गाड़नी है। बैलों से … Read more