चैप्टर 4 चट्टानों में आग ~ इब्ने सफ़ी का हिंदी जासूसी उपन्यास

Chapter 4 Chattanon Mein Aag Ibne Safi Novel In Hindi Prev | Next | All Chapters दूसरी सुबह सोफिया की हैरत की कोई सीमा न रही, जब उसने देखा कि कर्नल उस खब्ती आदमी की ज़रूरत से ज़्यादा खातिर मदारत कर रहा है। अनवर और आरिफ़ अपने कमरों ही में नाश्ता करते थे। वजह यह … Read more