चैप्टर 2 सेवासदन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद

Chapter 2 Sevasadan Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters दारोगाजी के हल्के में एक महन्त रामदास रहते थे। वह साधुओं की एक गद्दी के महंत थे। उनके यहां सारा कारोबार ‘श्री बांकेबिहारीजी’ के नाम पर होता था। ‘श्री बांकेबिहारीजी’ लेन-देन करते थे और बत्तीस रुपये प्रति सैकड़े से कम सूद न … Read more