चैप्टर 2 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 2 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 Prev | Next | All Chapters सूरदास लाठी टेकता हुआ धीरे-धीरे घर चला. रास्ते में चलते-चलते सोचने लगा- ‘यह है बड़े आदमियों की स्वार्थपरता! पहले कैसे हेकड़ी दिखाते थे, मुझे कुत्तो से भी नीचा समझा; लेकिन ज्यों ही मालूम हुआ … Read more