चैप्टर 15 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 15 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters राजा महेंद्रकुमार सिंह यद्यपि सिध्दांत के विषय में अधिकारियों से जौ-भर भी न दबते थे; पर गौण विषयों में वह अनायास उनसे विरोध करना व्यर्थ ही नहीं, जाति के लिए अनुपयुक्त भी समझते थे। उन्हें शांत नीति पर जितना विश्वास था, उतना … Read more