चैप्टर 14 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास

Chapter 14 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सोफ़िया को होश आया तो वह अपने कमरे में चारपाई पर पड़ी हुई थी। कानों में रानी के अंतिम शब्द गूंज रहे थे-क्या यही सत्य की मीमांसा है? वह अपने को इस समय इतनी नीच समझ रही थी कि घर का मेहतर … Read more