चैप्टर 13 दो सखियाँ मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 13 Do Sakhiyan Munshi Premchand Ka Upanyas

Chapter 13 Do Sakhiyan Munshi Premchand Prev | All Chapters  दिल्ली 20-2-26 प्यारी बहन, तुम्हारा पत्र पढ़कर मुझे तुम्हारे ऊपर दया आयी। तुम मुझे कितना ही बुरा कहो, पर मैं अपनी यह दुर्गति किसी तरह न सह सकती, किसी तरह नहीं। मैंने या तो अपने प्राण ही दे दिये होते, या फिर उस सास का … Read more