प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online

प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Premashram Novel By Munshi Premchand Read Online | Premashram Munshi Premchand Ka Upanyas 

Premashram Novel By Munshi Premchand

Premashram Novel By Munshi Premchand

प्रेमाश्रम मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास का सारांश

प्रेमाश्रय मुंशी प्रेमचंद का एक प्रसिद्ध उपन्यास है जो सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को गहराई से उठाता है। इसका उपन्यास की कहानी दो मुख्य पात्रों, अमृतराय और सत्यप्रकाश, के इर्द-गिर्द घूमती है। अमृतराय एक आदर्शवादी और कर्मठ युवा है जो समाज में व्याप्त अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करता है। सत्यप्रकाश एक सच्चे और निष्ठावान व्यक्ति हैं जो अमृतराय के मित्र और सहयोगी होते हैं।

कहानी की शुरुआत अमृतराय के संघर्ष से होती है। वह भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए एक आंदोलन शुरू करता है। इस आंदोलन में सत्यप्रकाश उनका समर्थन करते हैं। उनके आंदोलन का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता और न्याय की स्थापना करना है।

अमृतराय और सत्यप्रकाश के प्रयासों से समाज में धीरे-धीरे बदलाव आने लगता है। वे लोगों को जागरूक करते हैं और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सचेत करते हैं। लेकिन उनकी राह में अनेक बाधाएं आती हैं। समाज के प्रभावशाली और शक्तिशाली लोग उनके खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं।

उपन्यास में प्रेम और त्याग का भी महत्वपूर्ण स्थान है। अमृतराय के जीवन में प्रेमिका के रूप में रुक्मिणी आती हैं। रुक्मिणी एक सशक्त और समझदार महिला हैं जो अमृतराय के संघर्ष में उनकी साथी बनती हैं। उनके प्रेम और सहयोग से अमृतराय को अपने संघर्ष में मजबूती मिलती है।

प्रेमाश्रय समाज में व्याप्त बुराइयों और उनके खिलाफ संघर्ष की प्रेरणा देता है। यह उपन्यास प्रेमचंद की समाज सुधारक दृष्टि और उनके साहित्यिक कौशल का उत्कृष्ट उदाहरण है।

Chapter List 

Chapter 1 Chapter 2
Chapter 3 Chapter 4
Chapter 5  Chapter 6
Chapter 7 Chapter 8
Chapter 9 Chapter 10
Chapter 11 Chapter 12
Chapter 13 Chapter 14
Chapter 15