परिणीता शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Parineeta Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay | Parineeta Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay
Parineeta Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay
Summary
शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का प्रसिद्ध उपन्यास “परिणीता” भारतीय समाज, प्रेम और पारिवारिक संबंधों की जटिलताओं को दर्शाने वाली एक उत्कृष्ट कृति है। यह उपन्यास 20वीं सदी के बंगाली समाज की पृष्ठभूमि में लिखा गया है और उसमें प्रेम, त्याग, और सामाजिक मान्यताओं का गहरा चित्रण किया गया है।
कहानी ललिता और शेखर के इर्द-गिर्द घूमती है। ललिता एक 13 वर्षीय अनाथ लड़की है, जो अपने मामा के घर में रहती है। उसका बचपन से ही शेखर के साथ स्नेहपूर्ण संबंध है, जो एक संपन्न परिवार का बेटा है। उनका रिश्ता बचपन की मासूम दोस्ती से बढ़कर गहरे प्रेम में बदल जाता है। लेकिन सामाजिक बंधन, धन और परिवार के बीच की खाई उनके प्रेम को सहज नहीं रहने देती।
शेखर के पिता द्वारा ललिता और उसके परिवार को नीचा दिखाने की कोशिश, और गिरीन नामक एक अन्य पात्र का ललिता के जीवन में प्रवेश, कहानी को और जटिल बनाता है। इन परिस्थितियों के बीच, शरत चंद्र ने प्रेम की ताकत, समाज की सच्चाई और मानवीय भावनाओं की सूक्ष्मताओं को बखूबी उकेरा है।
“परिणीता” न केवल एक प्रेम कथा है, बल्कि यह उस समय के सामाजिक परिवेश और मान्यताओं पर भी गहरा सवाल उठाती है। सरल भाषा और मार्मिक चित्रण इसे कालजयी बनाते हैं। यह उपन्यास प्रेम और त्याग की शक्ति का प्रतीक है, जो पाठकों को आज भी उतना ही प्रभावित करता है, जितना अपने समय में।
Chapter List
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Chapter 3 | Chapter 4 |
Chapter 5 | Chapter 6 |
Chapter 7 | Chapter 8 |
Chapter 9 | Chapter 10 |
Chapter 11 | Chapter 12 |