राही ~ सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी | Rahi Subhdra Kumari Chauhan Ki Kahani 

राही सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी (Rahi Subhdra Kumari Chauhan Ki Kahani) Rahi Kahani भूख के कारण चोरी करने पर मजबूर गरीबों की व्यथा प्रस्तुत करती है. सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी रचना में देशभक्ति, मानवता, दरिद्रता, सत्ता के प्रति लोभ आदि पहलुओं को छुआ है. पढ़िये : Rahi Subhdra Kumari Chauhan Ki Kahani  “तेरा … Read more

चंद्रकांता चौथा अध्याय | Chandrakanta Chautha Adhyay

चंद्रकांता पहला अध्याय | दूसरा अध्याय | तीसरा अध्याय | चौथा अध्याय Chandrakanta Chautha Adhyay बयान – 1 वनकन्या को यकायक जमीन से निकल कर पैर पकड़ते देख वीरेंद्र सिंह एकदम घबरा उठे. देर तक सोचते रहे कि यह क्या मामला है, यहाँ वनकन्या क्यों कर आ पहुँची और यह योगी कौन हैं, जो इसकी … Read more

चंद्रकांता तीसरा अध्याय | Chandrakanta Teesra Adhyay

चंद्रकांता पहला अध्याय | दूसरा अध्याय | तीसरा अध्याय | चौथा अध्याय Chandrakanta Teesra Adhyay बयान – 1 वह नाज़ुक औरत, जिसके हाथ में किताब है और जो सब औरतों के आगे-आगे आगे आ रही है, कौन और कहाँ की रहने वाली है, जब तक यह न मालूम हो जाए, तब तक हम उसको वनकन्या … Read more

चंद्रकांता दूसरा अध्याय | Chandrakanta Doosra Adhyay

चंद्रकांता पहला अध्याय | दूसरा अध्याय | तीसरा अध्याय | चौथा अध्याय Chandrakanta Doosra Adhyay बयान – 1 इस आदमी को सभी ने देखा मगर हैरान थे कि यह कौन है, कैसे आया और क्या कह गया. तेज सिंह ने जोर से पुकार के कहा, “आप लोग चुप रहें, मुझको मालूम हो गया कि यह … Read more

चंद्रकांता पहला अध्याय | Chandrakanta Pahla Adhyay

चंद्रकांता पहला अध्याय | दूसरा अध्याय | तीसरा अध्याय | चौथा अध्याय Chandrakanta Pahla Adhyay बयान – 1 शाम का वक्त है. कुछ-कुछ सूरज दिखाई दे रहा है. सुनसान मैदान में एक पहाड़ी के नीचे दो शख्स वीरेंद्र सिंह और तेज सिंह एक पत्थर की चट्टान पर बैठ कर आपस में बातें कर रहे हैं. … Read more

मंझली रानी ~ सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी

Manjhli Rani Subhdra Kumari Chauhan Ki Kahani  (१) वे मेरे कौन थे? मैं क्या बताऊं? वैसे देखा जाए, तो वे मेरे कोई भी न थे. होते भी तो कैसे? मैं ब्राह्मण, वे क्षत्रिय; मैं स्त्री, वे पुरुष; फिर न तो रिश्तेदार हो सकते थे और न मित्र. आह ! यह क्या कह डाला मैंने ! … Read more