चैप्टर 7 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 7 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 7 Godan Novel By Munshi Premchand   Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 Prev | Next | All Chapters यह कहती हुई वह बाग़ की तरफ़ चल दी। आम गदरा गये थे। हवा के झोंकों से एकाध ज़मीन पर गिर पड़ते थे, लू के मारे चुचके, पीले; लेकिन … Read more

चैप्टर 6 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 6 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 6 Godan Novel By Munshi Premchand   Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 Prev | Next | All Chapters हीरा को भी ख़बर मिली कि चौधरी और पुनिया में लड़ाई हो रही है। चौधरी ने पुनिया को धक्का दिया। पुनिया ने उसे तल्लियों से पीटा। उसने पुर वहीं छोड़ा … Read more

चैप्टर 5 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 5 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 5 Godan Novel By Munshi Premchand   Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 Prev | Next | All Chapters होरी को रात भर नींद नहीं आयी। नीम के पेड़-तले अपनी बांस की खाट पर पड़ा बार-बार तारों की ओर देखता था। गाय के लिए एक नांद गाड़नी है। बैलों से … Read more

चैप्टर 4 गोदान : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 4 Godan Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 4 Godan Novel By Munshi Premchand   Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 Prev | Next | All Chapters भोला की आज जितनी ख़ातिर हुई, और कभी न हुई होगी। गोबर ने खाट डाल दी, सोना रस घोल लायी, रूपा तमाखू भर लायी। धनिया द्वार पर किवाड़ की आड़ में खड़ी … Read more

नमक का दरोगा ~ मुंशी प्रेमचंद की कहानी

Namak Ka Daroga Munshi Premchand Ki Kahani जब नमक का नया विभाग बना और ईश्वरप्रदत्त वस्तु के व्यवहार करने का निषेध हो गया, तो लोग चोरी-छिपे इसका व्यापार करने लगे। अनेक प्रकार के छल-प्रपंचों का सूत्रपात हुआ, कोई घूस से काम निकालता था, कोई चालाकी से। अधिकारियों के पौ-बारह थे। पटवारीगिरी का सर्वसम्मानित पद छोड़-छोड़कर … Read more

चैप्टर 14 मनोरमा : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 14 Manorama Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 14 Manorama Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 Prev | Next | All Chapters हुक्काम के इशारों पर नाचने वाले गुरु सेवक सिंह ने जब चक्रधर को जेल के दंगे के इल्ज़ाम से बरी कर दिया, तो … Read more

एकादशी सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी | Ekadashi Story By Subhadra Kumari Chauhan

प्रस्तुत है – एकादशी सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी (Ekadashi Story By Subhadra Kumari Chauhan) Subhadra Kumari Chauhan Story Ekadashi तत्कालीन भारतीय समाज में विधवा स्त्रियों की स्थिति के चित्रण के साथ उस दौर में चले धर्म सुधार आंदोलन, धर्म परिवर्तन के विरुद्ध आंदोलनों का वर्णन करती है। ये एक ऐसी बाल विधवा बालिका की … Read more

चैप्टर 9 बड़ी दीदी : शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 9 Badi Didi Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

Chapter 9 Badi Didi Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6  | 7 | 8 | 9 Prev | All Chapters कार्तिक के महीना समाप्ति पर है। थोड़ी-थोड़ी सर्दी पड़ने लगी है। सुरेन्द्र नाथ के ऊपर बाले कमरे में खिड़की के रास्ते प्रातःकाल के सूर्य का जो प्रकाश बिखर रहा … Read more

चैप्टर 8 बड़ी दीदी : शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 8 Badi Didi Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

Chapter 8 Badi Didi Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6  | 7 | 8 | 9 Prev | Next | All Chapters कलकत्ता के मकान में अब ब्रज बाबू के स्थान पर शिवचंद्र मालिक है और माधवी के स्थान पर अब नई बहू घर की मालिक है। माधवी अब … Read more

चैप्टर 7 बड़ी दीदी : शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 7 Badi Didi Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

Chapter 7 Badi Didi Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6  | 7 | 8 | 9 Prev | Next | All Chapters लगभग पांच वर्ष बीत चुके हैं। राय महाशय अब इस संसार में नहीं हैं और ब्रजराज लाहिड़ी भी स्वर्ग सिधार चुके हैं। सुरेन्द्र की विमाता अपने पति … Read more