मैक्सिम गोर्की की कहानियां | Maxim Gorky Stories In Hindi | Maxim Gorky Ki Kahaniyan
Maxim Gorky Stories In Hindi
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Maxim Gorky Biography In Hindi
मैक्सिम गोर्की (1868-1936) रूसी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक, नाटककार और समाज सुधारक थे। उनका असली नाम अलेक्सी मक्सिमोविच पेस्कोव था। उनका जन्म 28 मार्च 1868 को रूस के निज़नी नोवगोरोद में एक गरीब परिवार में हुआ। बचपन में ही माता-पिता की मृत्यु हो जाने के कारण गोर्की का जीवन अत्यंत कठिनाईयों में गुजरा। उन्होंने छोटी उम्र में ही मजदूरी शुरू कर दी और जीवन के विभिन्न पहलुओं को करीब से समझा।
गोर्की ने औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, लेकिन उनकी आत्मशिक्षा और जीवन के कठोर अनुभवों ने उन्हें महान लेखक बना दिया। उन्होंने अपने लेखन में समाज के शोषित और दबे-कुचले वर्ग की पीड़ा और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उनकी पहली रचना “मकर चुंद्रा” (1892) ने उन्हें पहचान दिलाई। इसके बाद “मदर” (माँ), “चेल्काश,” और “माय चाइल्डहुड” जैसी रचनाओं ने उन्हें विश्व साहित्य में प्रतिष्ठित स्थान दिलाया।
गोर्की ने अपने लेखन के माध्यम से समाजवाद और समानता के विचारों का प्रचार किया। उन्होंने रूसी क्रांति का समर्थन किया और लेनिन के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। हालाँकि, स्टालिन की नीतियों से वे असहमत थे। 1936 में उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन उनके विचार और लेखन आज भी प्रेरणा देते हैं।
मैक्सिम गोर्की का जीवन हमें संघर्ष और मेहनत के माध्यम से आत्मनिर्माण की प्रेरणा देता है। उनका साहित्य समाज में न्याय और समानता की आवश्यकता पर जोर देता है।
Maxim Gorky Ki Kahaniya
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