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Hindi Stories Of Subhadra Kumari Chauhan
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Subhadra Kumari Chauhan Biography In Hindi
सुभद्रा कुमारी चौहान एक भारतीय कवियित्री, लेखिका और स्वतंत्रता सेनानी हैं। उनका जन्म 16 अगस्त 1904 को उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद जिले के निहालपुर गांव में हुआ था।
उन्होंने दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह लिखी। उनके कविता संग्रह हैं: मुकुल और त्रिधारा। उनके कहानी संग्रह हैं: बिखरे मोती (१९३२), उन्मादिनी (१९३४) और सीधे साधे चित्र (१९४७)। सुभद्रा कुमारी चौहान ने कुल ४६ कहानियां लिखी। उनकी कविताओं में सबसे लोकप्रिय कविता “झांसी की रानी” है। उनकी अन्य कविताओं में जलियाँवाला बाग में वसंत, वीरों का कैसा हो बसंत, राखी की चुनौती और विदा प्रमुख हैं।
भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में उन्होंने बढ़ चढ़कर भाग लिया और कई बार जेल भी गई। वे मध्य प्रदेश से राज्य सभा सदस्य भी रहीं। उन्होंने अपनी कविताओं और लेखन द्वारा बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। वर्ष 1948 में मध्यप्रदेश के सिवनी के निकट हुई कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हुई।
बिखरे मोती सुभद्रा कुमारी का कहानी संग्रह
होली | ग्रामीणा |
भग्नावशेष | पापी पेट |
एकादशी | अमराई |
मछुये की बेटी | थाती |
आहुति | किस्मत |
कदंब के फूल | दृष्टिकोण |
परिवर्तन | मंझली रानी |
अनुरोध |
उन्मादिनी सुभद्रा कुमारी चौहान का कहानी संग्रह
उन्मादिनी | असमंजस |
अभियुक्ता | सोने की कंठी |
नारी हृदय | पवित्र ईर्ष्या |
चढ़ा दिमाग | अंगूठी की खोज |
वैश्या की लड़की |
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सीधे सादे चित्र सुभद्रा कुमारी का कहानी संग्रह
रूपा | गुलाबसिंह |
दो साथी | राही |
हींगवाला | दुराचारी |
तांगेवाला | मंगला |
प्रोफेसर मित्रा | कैलाशी नानी |
बिआहा | कल्याणी |
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