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चैप्टर 13 मनोरमा : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 13 Manorama Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 13 Manorama Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 Prev | Next | All Chapters चक्रधर को जेल में पहुँचकर ऐसा मालूम हुआ कि वह नई दुनिया में आ गए। उन्हें ईश्वर के दिए हुए वायु और प्रकाश के […]

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चैप्टर 6 देवदास शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 6 Devdas Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

चैप्टर 6 देवदास शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 6 Devdas Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 6 Devdas Novel In Hindi   पार्वती ने आकर देखा, उसके स्वामी की बहुत बड़ी हवेली है। नये साहिबी फैशन की नहीं, पुराने ढंग की है। सदर-महल,अंदर-महल, पूजा का दालान, नाट्‌य-मंदिर, अतिथिशाला, कचहरी घर, तोशाखाना और अनेक दास-दासियों

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चैप्टर 5 देवदास शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 5 Devdas Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

चैप्टर 5 देवदास शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 5 Devdas Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 5 Devdas Novel In Hindi और देवदास? उन्होंने उस दिन कलकत्ता के ईडन गार्डन की एक बेंच पर बैठे-बैठे सारी रात बिता दी। उन्हें अत्यंत क्लेश आथवा मार्मिक वेदना हुई हो, यह बात नहीं है। उनके हृदय में

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चैप्टर 4 देवदास शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 4 Devdas Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

चैप्टर 4 देवदास शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 4 Devdas Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 4 Devdas Novel In Hindi माता ने आश्चर्य से पूछा- ‘देवा, क्या कॉलेज की छुट्‌टी हो गई?’ दो दिन देवदास ने बड़ी चुस्ती के साथ बिताये। उसकी जो अभिलाषा थी वह पूरी नहीं हो रही थी पार्वती से

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चैप्टर 12 मनोरमा : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 12 Manorama Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 12 Manorama Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 Prev | Next | All Chapters चक्रधर की गिरफ्तारी के दूसरे दिन मनोरमा राजा विशाल सिंह को फटकार सुनाने गई थी। उसकी दोनों आँखें बीरबहूटी हो रही थी, भौंहें चढ़ी हुई।

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चैप्टर 3 देवदास शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 3 Devdas Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay

चैप्टर 3 देवदास शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Chapter 3 Devdas Novel By Sharat Chandra Chattopadhyay Chapter 3 Devdas Novel In Hindi पानी मे डूबने से मनुष्य जिस प्रकार जमीन को पकड़ लेता है और फिर किसी भांति छोड़ना नही चाहता, ठीक उसी भांति पार्वती ने अज्ञानवत देवदास के दोनो पांवो को पकड़ रखा

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चैप्टर 11 मनोरमा : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 11 Manorama Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 11 Manorama Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 Prev | Next | All Chapters संध्या हो गई है। ऐसी उमस है कि सांस लेना मुश्किल है और जेल के कोठरियों में यह उमस और भी असह्य हो गई है। एक

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चैप्टर 10 मनोरमा : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 10 Manorama Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 10 Manorama Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 Prev | Next | All Chapters गद्दी के कई दिन पहले ही से मेहमानों का आना शुरू हो गया और तीन दिन बाकी ही थे कि सारा कैंप भर गया। दीवान साहब ने

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चैप्टर 9 मनोरमा : मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 9 Manorama Novel By Munshi Premchand Read Online

Chapter 9 Manorama Novel By Munshi Premchand Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 Prev | Next | All Chapters मुद्दत के बाद जगदीशपुर के भाग जगे, कार्तिक लगते ही एक ओर राजभवन की मरम्मत होने लगी और दूसरी ओर गद्दी के उत्सव की तैयारियाँ शुरू हुई। राजा

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चैप्टर 32 देवांगना : आचार्य चतुरसेन शास्त्री का उपन्यास | Chapter 32 Devangana Novel By Acharya Chatursen Shastri

Chapter 32 Devangana Novel By Acharya Chatursen Shastri Chapter 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 Prev | All Chapters धनंजय श्रेष्ठि का परिवार : देवांगना

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