गौरा गाय महादेवी वर्मा की कहानी | Gaura Gaay Mahadevi Verma Ki Kahani 

गौरा गाय महादेवी वर्मा की कहानी (Gaura Gaay Mahadevi Verma Ki Kahani Hindi Short Story) Gaura Gaay Mahadevi Verma Ki Kahani  गाय के नेत्रों में हिरन के नेत्रों-जैसा विस्मय न होकर आत्मीय विश्वास रहता है। उस पशु को मनुष्य से यातना ही नहीं, निर्मम मृत्यु तक प्राप्त होती है, परंतु उसकी आंखों के विश्वास का … Read more

दो फूल महादेवी वर्मा की कहानी | Do Phool Mahadevi Verma Ki Kahani

दो फूल महादेवी वर्मा की कहानी (Do Phool Mahadevi Verma Ki Kahani Hindi Short Story Do Phool Mahadevi Verma Ki Kahani फागुन की गुलाबी जाड़े की वह सुनहली संध्या क्या भुलाई जा सकती है ! सवेरे के पुलकपखी वैतालिक एक लयवती उड़ान में अपने-अपने नीड़ों की ओर लौट रहे थे। विरल बादलों के अन्ताल से … Read more

धागे निर्मल वर्मा कहानी | Dhaage Nirmal Verma Ki Kahani 

धागे निर्मल वर्मा कहानी (Dhaage Nirmal Verma Ki Kahani Short Story In Hindi) Dhaage Nirmal Verma Ki Kahani  उस रात खाने के बाद कॉफी पीते हुए हम केशी के नये रिकॉर्डों की चर्चा करने लगे। ”मुझे तो रात को नींद नहीं आती। मैंने ग्रामोफोन लायब्रेरी में रखवा दिया है।” मीनू ने कहा। ”क्या वह अब … Read more

डेढ़ इंच ऊपर निर्मल वर्मा कहानी | Dedh Inch Upar Nirmal Verma Ki Kahani

डेढ़ इंच ऊपर निर्मल वर्मा कहानी (Dedh Inch Upar Nirmal Verma Ki Kahani Short Hindi Story) Dedh Inch Upar Nirmal Verma Ki Kahani अगर आप चाहें तो इस मेज़ पर आ सकते हैं। जगह काफ़ी है। आखिर एक आदमी को कितनी जगह चाहिए? नहीं … नहीं … मुझे कोई तकलीफ नहीं होगी। बेशक, अगर आप … Read more

थाती सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी | Thati Subhadra Kumari Chauhan Ki Kahani

थाती सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी (Thati Subhadra Kumari Chauhan Ki Kahani Hindi Short Story) Thati Subhadra Kumari Chauhan Ki Kahani (१) क्यों रोती हूँ। इसे नाहक पूँछ कर जले पर नमक न छिड़को ! जरा ठहरो ! जी भर कर रो भी तो लेने दो, न जाने कितने दिनों के बाद आज मुझे खुलकर … Read more

बहादुर अमरकांत की कहानी | Bahadur Amarkant Ki Kahani

बहादुर अमरकांत की कहानी (Bahadur Amarkant Ki Kahani Short Hindi Story) Bahadur Amarkant Ki Kahani सहसा मैं काफी गंभीर था, जैसा कि उस व्यक्ति को हो जाना चाहिए, जिस पर एक भारी दायित्व आ गया हो। वह सामने खड़ा था और आँखों को बुरी तरह मटका रहा था। बारह-तेरह वर्ष की उम्र। ठिगना शरीर, गोरा … Read more

पोखरा अमरकांत की कहानी | Pokhara Amarkant Ki Kahani

पोखरा अमरकांत की कहानी (Pokhara Amarkant Ki Kahani Hindi Short Story) Pokhara Amarkant Ki Kahani अमरकांत की कहानियां, रचनाएं और किताबें  वही हुआ। मैंने मेधा से कई बार कहा था, मौसम अच्छा है, कोई झंझट न करो, समय पर निकल चलेंगे, तो शाम तक वीरगंज पहुँचकर रात भर विश्राम करेंगे और अगले दिन आराम से … Read more

गले की जंजीर अमरकांत की कहानी | Gale Ki Janjeer Amarkant Ki Kahani

गले की जंजीर अमरकांत की कहानी (Gale Ki Janjeer Amarkant Ki Kahani Short Hindi Story) Gale Ki Janjeer Amarkant Ki Kahani अमरकांत की रचनाएं और कहानियां  मुझे ख़ूब अच्छी तरह याद है कि रात को जंजीर पहनकर सोया था, लेकिन सबेरे उठकर देखा कि वह गले से गायब थी। खटिया पर से उछलकर खड़ा हो … Read more

एक निर्णायक पत्र अमरकांत की कहानी | Ek Nirnayak Patra Amarkant Ki Kahani

एक निर्णायक पत्र अमरकांत की कहानी (Ek Nirnayak Patra Amarkant Ki Kahani Hindi Short Story)  Ek Nirnayak Patra Amarkant Ki Kahani उस कस्बानुमा शहर के मास्टर कुमार विनय को आजकल क्यों लग रहा है कि उसके साथ दूसरी बार धोखा किया जा रहा है? पहली बार जब हुआ तो प्रसंग दूसरा था और कारण भी। तब … Read more

पलाश के फूल अमरकांत की कहानी | Palash Ke Phool Amarkant Ki Kahani

पलाश के फूल अमरकांत की कहानी (Palash Ke Phool Amarkant Ki Kahani Hindi Short Story) Palash Ke Phool Amarkant Ki Kahani नए मकान के सामने पक्की चहारदीवारी खड़ी करके जो अहाता बनाया गया है, उसमें दोनो ओर पलाश के पेड़ों पर लाल-लाल फूल छा गए थे। राय साहब अहाते का फाटक खोलकर अंदर घुसे और … Read more