बिराज बहू शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास | Biraj Bahu Sharat Chandra Chattopadhyay Novel In Hindi | Biraj Bahu Sharat Chandra Chattopadhyay Ka Upanyas Bangla Novel In Hindi
Biraj Bahu Sharat Chandra Chattopadhyay Novel In Hindi
Table of Contents
Summary
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास “बिराज बहू” भारतीय समाज की पारंपरिक संरचना और एक नारी के त्याग, समर्पण, और संघर्ष की गाथा है। यह कहानी बिराज नामक एक महिला की है, जो अपनी सादगी, आत्मसम्मान, और दृढ़ निष्ठा के कारण नारीत्व का प्रतीक बन जाती है।
बिराज का विवाह गरीब ब्राह्मण परिवार के पित्राम से होता है। दोनों का जीवन कठिनाइयों से भरा है, लेकिन बिराज अपने स्वाभिमान और पारिवारिक मूल्यों को कभी नहीं छोड़ती। उसका पति पित्राम एक भावुक और कमजोर स्वभाव का व्यक्ति है, जो समाज की अनदेखी करने की आदत के कारण परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में असमर्थ रहता है।
बिराज की कहानी समाज के उन रूढ़िवादी दृष्टिकोणों पर भी प्रकाश डालती है, जो महिलाओं के अधिकारों और उनके अस्तित्व को सीमित करते हैं। बिराज अपने जीवन में कई प्रकार के संघर्षों और कठिनाइयों का सामना करती है, फिर भी वह अपनी गरिमा बनाए रखती है।
यह उपन्यास न केवल एक महिला की व्यक्तिगत कहानी है, बल्कि यह समाज की उस तस्वीर को भी प्रस्तुत करता है, जिसमें नारी की पहचान, त्याग, और बलिदान को महत्व दिया जाता है। “बिराज बहू” पाठकों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि नारी केवल परिवार की देखभाल के लिए नहीं, बल्कि समाज में सम्मान और समान अधिकार पाने की भी अधिकारी है।
Chapter List
Chapter 1 | Chapter 2 |
Chapter 3 | Chapter 4 |
Chapter 5 | Chapter 6 |
Chapter 7 | Chapter 8 |
Chapter 9 | Chapter 10 |
Chapter 11 | Chapter 12 |
Chapter 13 | Chapter 14 |
Chapter 15 [last] |