अंतिम आकांक्षा सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Antim Akanksha Siyaramsharan Gupt Ka Upanyas

अंतिम आकांक्षा सियारामशरण गुप्त का उपन्यास | Antim Akanksha Siyaramsharan Gupt Ka Upanyas




Antim Akanksha Siyaramsharan Gupt Ka Upanyas

Antim Akanksha Siyaramsharan Gupt Ka Upanyas




Summary 

सियाराम शरण गुप्त का उपन्यास “अंतिम आकांक्षा” एक सामाजिक और आदर्शवादी कथा है, जो मनुष्य की इच्छाओं, संघर्षों और जीवन के गूढ़ दर्शन को प्रस्तुत करती है। यह उपन्यास मुख्य पात्र के जीवन की अंतिम आकांक्षा को केंद्र में रखकर विकसित होता है, जो आत्म-विकास और समाज कल्याण के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करता है। 

कहानी में व्यक्ति की आंतरिक इच्छाओं और बाहरी बाधाओं के संघर्ष को गहराई से दर्शाया गया है। पात्रों के माध्यम से लेखक समाज में व्याप्त स्वार्थ, पाखंड और नैतिक पतन पर सवाल उठाते हैं, साथ ही मानवीय मूल्यों, करुणा और त्याग का महत्व उजागर करते हैं। उपन्यास का केंद्रीय संदेश यह है कि व्यक्ति की अंतिम आकांक्षा आत्मा की शुद्धि और समाज की भलाई में निहित होनी चाहिए। सरल भाषा और संवेदनशील शैली में लिखा यह उपन्यास पाठकों को आत्मचिंतन के लिए प्रेरित करता है।




Chapter List

Chapter 1 Chapter 2
Chapter 3 Chapter 4
Chapter 5 Chapter 6
Chapter 7 Chapter 8
Chapter 9 Chapter 10
Chapter 11 Chapter 12