अदालती फ़ैसला कमलेश्वर की कहानी | Adalati Faisla Kamleshwar Ki Kahani 

अदालती फ़ैसला कमलेश्वर की कहानी (Adalati Faisla Kamleshwar Ki Kahani Hindi Short Story)

 Adalati Faisla Kamleshwar Ki Kahani Hindi

 Adalati Faisla Kamleshwar Ki Kahani Hindi

अदालत में एक संगीन फ़ौजदारी मुकद्दमे के फ़ैसले का दिन। मुकद्दमा हत्या की कोशिश का था क्योंकि जिसे मारने की साजिश की गई थी वह गहरे जख्म खाकर भी अस्पताल की मुस्तैद देखभाल और इलाज की बदौलत जिन्दा बच गया था।

इस मुकहमे में पाँच अभियुक्त थे। जज ने फैसला सुनाया :

-अभियुक्त नं. 1 को पर्याप्त सबूत न होने के कारण बरी किया जाता है, लेकिन हालात और साक्ष्यों से जो कुछ इस अदालत के सामने आया है, उसे देखते हुए अभियुक्त नं. 1 पर जख्मी फर्द के इलाज और दवा-दारू के लिए एक लाख रुपया जुर्माना किया जाता है!

अदालत के फ़ैसले के बाद अभियुक्त नं. 1 जुर्माना चुकाकर राजनीति में चला गया और एक बड़ा राजनेता बन गया।

अदालत ने अभियुक्त नं. 2 का फ़ैसला सुनाया-इस अभियुक्त नं. 2 ने जख्मी फर्द पर गँड़ासे जैसे धारदार हथियार से वार किया, इसलिए इसे सात साल की बामशक्कत कैद की सजा दी जाती है।

अदालत के फैसले के मुताबिक अभियुक्त नं. 2 ने सजा काटी और बाहर आकर वह पेशेवर हत्यारा बन गया।

अदालत ने अभियुक्त नं. 3 की सजा सुनाई-लगता है कि जुर्म के हालात को यह शख्स बखूबी तैयार कर सकता है और उन्हें लागू करने के फर्जी सबूत भी दे सकता है, इसलिए इसे एक साल की सजा और एक हजार रुपया जुर्माना किया जाता है!

अदालत के फैसले के मुताबिक अभियुक्त नं. 3 ने जुर्माना अदा किया, एक साल की सजा काटने के बाद वह सरकारी संस्थानों के निर्माणों का ठेकेदार बन गया।

अदालत ने अभियुक्त नं. 4 की सजा सुनाई-5000 रु. जुर्माने के साथ इसे साक्ष्य के अभाव में बरी किया जाता है।

पाँच हजार जुर्माना अदा करने के बाद अभियुक्त नं. 4 ने किराने की दुकान खोली और वह एक जनरल स्टोर का मालिक बन गया।

अदालत ने अभियुक्त नं. 5 को बेदाग बरी कर दिया।

अभियुक्त नं. 5 बरी होने के बाद भी जानता था, उसका निकटतम समाज उसे बरी नहीं करेगा। वह सन्यासी बन गया।

(‘महफ़िल’ से)

**समाप्त**

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