चैप्टर 38 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 38 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 38 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters सोफिया और विनय रात-भर तो स्टेशन पर पड़े रहे। सबेरे समीप के गाँव में गए, जो भीलों की एक छोटी-सी बस्ती थी। सोफिया को यह स्थान बहुत पसंद आया। बस्ती के सिर पर पहाड़ का साया था, पैरों के नीचे एक पहाड़ी … Read more

चैप्टर 37 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 37 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 37 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters प्रभु सेवक बड़े उत्साही आदमी थे। उनके हाथ से सेवक-दल में एक नई सजीवता का संचार हुआ। संख्या दिन-दिन बढ़ने लगी। जो लोग शिथिल और उदासीन हो रहे थे, फिर नए जोश से काम करने लगे। प्रभु सेवक की सज्जनता और सहृदयता … Read more

चैप्टर 36 रंगभूमि मुंशी प्रेमचंद का उपन्यास | Chapter 36 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand

Chapter 36 Rangbhoomi Novel By Munshi Premchand Prev | Next | All Chapters मिस्टर जॉन सेवक ने ताहिर अली की मेहनत और ईमानदारी से प्रसन्न होकर खालों पर कुछ कमीशन नियत कर दिया था। इससे अब उनकी आय अच्छी हो गई थी, जिससे मिल के मजदूरों पर उनका रोब था, ओवरसियर और छोटे-छोटे क्लर्क उनका … Read more